#लातेहार #शिक्षा : प्रखंड के सरकारी और उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक की भारी कमी से छात्रों की पढ़ाई बाधित, सरकार द्वारा जल्द बहाली की प्रक्रिया
- बरवाड़ीह प्रखंड के 31 स्कूलों में केवल एक-एक शिक्षक कार्यरत, पढ़ाई और विभागीय कार्य प्रभावित।
- 15 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में तनवाई, नवरनागू, मेराल, सेरेंदाग, हरहे, मतनाग, पैरा, बरवाड़ीह और लंका शामिल।
- 20 उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालयों में भी एक-एक पारा शिक्षक कार्यरत, जबकि पहले अधिकांश में दो-दो शिक्षक थे।
- शिक्षक अधिकांश समय मध्याह्न भोजन, विभागीय कार्य और मीटिंगों में व्यस्त रहते हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई बाधित होती है।
- प्रभारी बीपीओ जितेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि शिक्षकों की कमी के कारण नई नियुक्तियों में देरी हो रही है, लेकिन सरकार द्वारा आचार्य की बहाली प्रक्रिया जारी है।
बरवाड़ीह प्रखंड के स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। स्कूलों में एक शिक्षक को पढ़ाई के साथ-साथ मध्याह्न भोजन, विभागीय कार्य और मीटिंगों की जिम्मेदारी भी संभालनी पड़ती है। इससे किसी भी दिन विभागीय कार्य होने पर छात्रों को पर्याप्त पढ़ाई का समय नहीं मिल पाता। शिक्षा की गुणवत्ता पर इस स्थिति का नकारात्मक असर देखा जा रहा है, और विभागीय कार्यों में भी देरी होती है।
शिक्षकों की कमी और पढ़ाई पर असर
बरवाड़ीह और पोखरीखुर्द के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में केवल एक शिक्षक कार्यरत है। वहीं अन्य 15 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में भी यही स्थिति है। इसके अलावा, 20 उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालयों में एक-एक शिक्षक ही बच्चों की पढ़ाई कर रहे हैं। पहले इन स्कूलों में अधिकांश में दो-दो शिक्षक कार्यरत थे, लेकिन अब कई शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं या सरकारी पद पर नियुक्त हो गए हैं।
इस स्थिति में, एक शिक्षक पर पढ़ाई, मध्याह्न भोजन, विभागीय मीटिंग और अन्य प्रशासनिक कार्य की जिम्मेदारी होने के कारण छात्रों को कक्षा में पर्याप्त मार्गदर्शन नहीं मिल पाता। स्कूल खुले रहते हैं और छात्र कक्षा में मौजूद रहते हैं, लेकिन पढ़ाई प्रभावित हो जाती है। इस कारण बच्चों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है और विभागीय कार्यों की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और बहाली प्रक्रिया
प्रभारी बीपीओ जितेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि शिक्षकों की कमी के कारण इन स्कूलों में नई नियुक्तियाँ नहीं हो पा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आचार्य की बहाली की प्रक्रिया जारी है और जल्द ही इन स्कूलों में पदस्थापन किया जाएगा।
बीपीओ जितेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा: “शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सरकार द्वारा आचार्य की बहाली की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही स्थिति सुधारी जाएगी।”
सरकार और प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि स्कूलों में शिक्षक संख्या बढ़ाना आवश्यक है ताकि बच्चों को पूरी तरह से पढ़ाई कराई जा सके और विभागीय कार्यों में देरी न हो।
बच्चों और शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव
बरवाड़ीह के स्कूलों में एकल शिक्षक होने के कारण छात्र पर्याप्त मार्गदर्शन नहीं पा रहे हैं। विशेष रूप से मध्याह्न भोजन और विभागीय कार्यों में उलझे होने के कारण शिक्षक छात्रों को पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय नहीं दे पाते। इससे छात्र विषयों को सही तरह से सीख नहीं पा रहे हैं और उनकी शैक्षिक गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
स्थानीय निवासी ने कहा: “हम चाहते हैं कि हमारे बच्चों को पर्याप्त शिक्षक मिले ताकि उनकी पढ़ाई बाधित न हो। एक शिक्षक पर इतने सारे कार्य होना बच्चों के लिए नुकसानदेह है।”
सरकारी और उत्क्रमित दोनों प्रकार के विद्यालयों में शिक्षक संख्या बढ़ाना बच्चों की शिक्षा में सुधार लाने और भविष्य की सफलता सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
न्यूज़ देखो: बच्चों की पढ़ाई में सुधार के लिए शिक्षक बहाली की आवश्यकता
यह कहानी बताती है कि किस तरह शिक्षक की कमी बच्चों की शिक्षा और विभागीय कार्यों पर असर डाल रही है। प्रशासन द्वारा बहाली की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है और इसे शीघ्र पूरा करना आवश्यक है। यदि शिक्षक संख्या बढ़ाई जाती है, तो छात्रों को बेहतर शिक्षा और मार्गदर्शन मिलेगा।
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