
#चंदवा #जनसमस्या : बरसात में बदहाल सड़क पुल, पेयजल बिजली और आवास की समस्याओं पर विधायक ने दिया कार्रवाई का भरोसा।
चंदवा प्रखंड के लाधुप पंचायत में जनसंपर्क अभियान के दौरान विधायक प्रकाश राम ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनकी समस्याएं सुनीं। बैठक में बरसात के मौसम में जर्जर सड़कों, अधूरे पुलों और पेयजल संकट को लेकर ग्रामीणों ने गंभीर चिंता जताई। इसके साथ ही बिजली आपूर्ति, आवास योजना, आंगनबाड़ी, श्मशान घाट और स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं के मुद्दे भी सामने आए। विधायक ने सभी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर समाधान का आश्वासन दिया।
- लाधुप पंचायत के कई गांवों में बरसात में सड़क और पुल बने बड़ी समस्या।
- विधायक प्रकाश राम ने जनसंपर्क बैठक में ग्रामीणों की सुनी शिकायतें।
- पेयजल संकट चापानल खराब और जलमीनार बंद होने से बढ़ी परेशानी।
- प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित लाभुकों ने उठाई आवाज।
- 266 एकड़ जंगल जमीन की कथित अवैध बिक्री की जांच की मांग।
चंदवा प्रखंड अंतर्गत लाधुप पंचायत के विभिन्न गांवों में आयोजित जनसंपर्क बैठक में ग्रामीणों की समस्याओं का अंबार देखने को मिला। बैठक के दौरान ग्रामीणों ने पंचायत क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की बदहाली को लेकर खुलकर अपनी बात रखी। खासतौर पर बरसात के मौसम में सड़क और पुलों की स्थिति को लेकर लोगों में गहरी नाराजगी दिखाई दी, जिससे दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
बरसात में सड़क और पुल बने सबसे बड़ी चुनौती
ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि पंचायत के कई गांवों को जोड़ने वाली सड़कें और पुल वर्षों से अधूरे पड़े हैं। बारिश के दिनों में ये सड़कें कीचड़ में तब्दील हो जाती हैं, जिससे पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। मरीजों को अस्पताल ले जाना, बच्चों का स्कूल जाना और बुजुर्गों का आवागमन बेहद कठिन हो जाता है। ग्रामीणों ने पीसीसी सड़क निर्माण, अधूरे पुलों को शीघ्र पूरा कराने और जर्जर सड़कों की मरम्मत की मांग रखी।
गोली गांव की विशेष समस्याएं
गोली गांव के ग्रामीणों ने बैठक में अपनी समस्याएं अलग से रखते हुए पीसीसी सड़क, छठ घाट निर्माण, गोली तालाब की मरम्मत और गांव के अंदर संपर्क पथ के निर्माण की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि इन कार्यों के अभाव में गांव का विकास बाधित हो रहा है और धार्मिक व सामाजिक कार्यों में भी कठिनाई होती है।
पेयजल संकट और बिजली आपूर्ति पर चिंता
बैठक में पेयजल संकट एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभरा। ग्रामीणों ने बताया कि कई गांवों में चापानल खराब पड़े हैं और जलमीनारें वर्षों से बंद हैं। मजबूरी में लोगों को दूर-दराज से पानी लाना पड़ता है। इसके साथ ही बिजली आपूर्ति की अनियमितता से घरेलू कार्य, पढ़ाई और छोटे व्यवसाय प्रभावित हो रहे हैं।
आवास, आंगनबाड़ी और स्कूल सुविधाओं की मांग
ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत योग्य लाभुकों को अब तक आवास नहीं मिलने की शिकायत की। साथ ही आंगनबाड़ी सेविका के पुनः चयन, श्मशान घाट निर्माण और स्कूलों में शौचालय, पेयजल तथा अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी का मुद्दा भी उठाया गया।
अवैध जमीन बिक्री का गंभीर आरोप
बैठक में ग्रामीणों ने क्षेत्र में लगभग 266 एकड़ जंगल जमीन की अवैध बिक्री का आरोप लगाते हुए इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की। ग्रामीणों का कहना था कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो इससे भविष्य में गंभीर सामाजिक और पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न होंगी।
विधायक का आश्वासन, प्राथमिकता पर होगा समाधान
विधायक प्रकाश राम ने ग्रामीणों की समस्याएं ध्यानपूर्वक सुनते हुए कहा:
विधायक प्रकाश राम ने कहा: “जनसंपर्क के दौरान सामने आई सभी समस्याएं गंभीर हैं और उनका समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि सड़क, पुल, पेयजल, बिजली और आवास से जुड़े अधूरे कार्यों की समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। साथ ही जिला उपायुक्त से मिलकर पंचायत की समस्याओं से अवगत कराते हुए ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। विधायक ने स्पष्ट किया कि बरसात के मौसम में ग्रामीणों को हो रही परेशानियों को दूर करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में इनकी रही उपस्थिति
बैठक में निवर्तमान अध्यक्ष अमित गुप्ता, मंडल अध्यक्ष पूर्वी आशीष सिंह, विधायक प्रतिनिधि सुरेश यादव, आदर्श रविराज, राजू उरांव, श्रवण गुप्ता, शिवकेश्वर यादव, दीपक निषाद, दुर्गा ठाकुर, छोटू कुमार, बालेश्वर गंझु, फूलचंद गंझु, जकन महतो, राजेश गंझु, अशोक तिवारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
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लाधुप पंचायत की तस्वीर यह बताती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमी अब भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। जनसंपर्क के दौरान सामने आई समस्याएं प्रशासनिक सक्रियता की मांग करती हैं। अब देखना होगा कि दिए गए आश्वासन कितनी जल्दी जमीनी हकीकत में बदलते हैं। ग्रामीणों की उम्मीदें अब प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की कार्रवाई पर टिकी हैं।
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ग्रामीण आवाज जब एकजुट होती है, तभी बदलाव संभव है
लाधुप पंचायत की बैठक ने यह साबित किया कि संवाद से ही समाधान की राह निकलती है। जब जनप्रतिनिधि सीधे जनता से जुड़ते हैं, तो समस्याएं सामने आती हैं और जवाबदेही तय होती है। अब जरूरत है कि इन मांगों को फाइलों से निकालकर जमीन पर उतारा जाए।





