
#पलामू #दुर्घटना : कौड़िया गांव में खेत में बिछाए गए नंगे तार से करंट लगने पर 14 वर्षीय किशोर की दर्दनाक मौत।
- पलामू जिले के बिश्रामपुर प्रखंड के कौड़िया गांव में हुआ हादसा।
- मृतक की पहचान ऋषिकेश कुमार (14 वर्ष), पिता सुदर्शन राम के रूप में हुई।
- ललन राम ने खेत की सिंचाई के लिए बांस के सहारे नंगा बिजली तार खींचा था।
- बम्बू टूटने से तार जमीन पर गिरा, और किशोर की वहीं मौत हो गई।
- ग्रामीणों ने बिजली विभाग की लापरवाही पर जताया आक्रोश।
- क्षेत्र में जर्जर तारों की मरम्मत और दोषी पर कार्रवाई की मांग।
पलामू (बिश्रामपुर): मंगलवार की सुबह कौड़िया ग्राम में एक हृदयविदारक हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। खेत में बिजली चोरी कर सिंचाई की जा रही थी, और उसी चोरी के तार ने एक मासूम की जान ले ली। मृतक की पहचान 14 वर्षीय ऋषिकेश कुमार, पिता सुदर्शन राम के रूप में की गई है।
बांस के सहारे खींचा गया नंगा तार बना मौत का कारण
ग्रामीणों के अनुसार गांव के ही ललन राम ने अपने खेत की सिंचाई के लिए बांस के बम्बू के सहारे बिजली का नंगा तार खेत तक खींच रखा था। बम्बू टूट जाने के कारण तार कुछ दिनों से जमीन पर पड़ा हुआ था, जिसे ठीक नहीं किया गया। मंगलवार सुबह ऋषिकेश शौच के लिए खेत की ओर गया और उसी नंगे तार की चपेट में आ गया। देखते ही देखते वह जमीन पर गिर पड़ा और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
बिजली चोरी के दुष्परिणाम से गांव में मातम
घटना की जानकारी मिलते ही गांव के लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक ऋषिकेश की सांसें थम चुकी थीं। पूरे गांव में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों का कहना है कि ललन राम द्वारा बिजली चोरी की जानकारी सबको थी, लेकिन कोई रोक-टोक नहीं की गई। अब उसी लापरवाही ने एक निर्दोष बच्चे की जान ले ली।
ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर साधा निशाना
गांववालों ने बिजली विभाग को भी कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने बताया कि पूरे क्षेत्र में जर्जर तार और खुले कनेक्शन मौत को न्योता दे रहे हैं। कई बार विभाग को शिकायत की गई, पर अब तक किसी ने सुध नहीं ली। ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए और बिजली विभाग क्षेत्र के सभी तारों की तत्काल मरम्मत कराए।
एक ग्रामीण ने कहा: “अगर विभाग समय पर तारों की जांच करता और अवैध कनेक्शन पर रोक लगाता, तो आज एक मासूम की जान नहीं जाती।”
प्रशासनिक कार्रवाई की मांग
घटना की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन से तुरंत जांच की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह की लापरवाही पर अगर सख्त कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में और भी बड़ी घटनाएं हो सकती हैं। साथ ही उन्होंने बिजली चोरी जैसी प्रवृत्तियों पर नकेल कसने के लिए कड़ी निगरानी और कानूनी कार्रवाई की अपील की है।
न्यूज़ देखो: बिजली चोरी से मौत — लापरवाही की भारी कीमत
यह हादसा इस बात की चेतावनी है कि बिजली चोरी न केवल गैरकानूनी है बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकती है। प्रशासन और बिजली विभाग को अब ऐसे मामलों पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनानी होगी। हर गांव में बिजली सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है ताकि इस तरह की दुर्घटनाएं दोबारा न हों।
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जिम्मेदारी ही सुरक्षा की कुंजी
कौड़िया की यह घटना हमें याद दिलाती है कि बिजली जैसी सुविधा का दुरुपयोग जानलेवा परिणाम दे सकता है। आइए हम सभी समाज में सुरक्षा और जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करें — बिजली चोरी जैसी खतरनाक गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और लोगों को जागरूक बनाएं ताकि ऐसी त्रासदी फिर न दोहराई जाए।





