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रांची में जमीन विवाद ने ली हिंसक रूप, पुलिस पर हमला: थाना प्रभारी सहित 4 घायल, पूर्व नक्सली पर साजिश का आरोप

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#रांचीजमीनविवाद #पुलिसपरहमला – कोयनारा में 55 एकड़ की खतियानी जमीन को लेकर भड़का विवाद, पुलिस पर तलवार से हमला, फायरिंग में दो ग्रामीण भी घायल
  • पुलिस जमीन विवाद सुलझाने गई थी, उग्र भीड़ ने किया हमला
  • थाना प्रभारी संतोष कुमार यादव समेत दो जवान घायल
  • पुलिस की आत्मरक्षा में फायरिंग, दो ग्रामीण जतरू मुंडा व बिरस उरांव घायल
  • पूर्व नक्सली पुनई उरांव पर हमले की साजिश का आरोप
  • 55 एकड़ जमीन को लेकर वर्षों पुराना जमींदारी विवाद

पुलिस पर तलवार से हमला, जान बचाने को करनी पड़ी फायरिंग

रांची जिले के लापुंग थाना क्षेत्र के कोयनारा गांव में मंगलवार को जमीन विवाद को सुलझाने पहुंची पुलिस पर हिंसक हमला हो गया। यह विवाद 55 एकड़ 56 डिसमिल जमीन (खाता नंबर 1, 2 व 4) को लेकर था। विवादित भूमि पर ग्राम सभा के दौरान स्थानीय पड़हा संगठन से जुड़े लोगों ने थाना प्रभारी संतोष कुमार यादव और जवानों पर हमला कर दिया।

थाना प्रभारी को डंडों से पीटा गया, गिरने पर तलवार से हमला करने की कोशिश हुई।

जवानों ने आत्मरक्षा में हवाई फायरिंग की, जिससे दो ग्रामीण—जतरू मुंडा (22) और बिरस उरांव (45) घायल हो गए। जतरू को पेट और जांघ में गोली लगी, जबकि बिरस की हथेली में।

हमले का मास्टरमाइंड पूर्व नक्सली: SSP

एसएसपी चंदन सिन्हा ने राज अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और कहा:

“यह हमला पूर्व नक्सली पुनई उरांव के इशारे पर हुआ। संगठन में कई ऐसे लोग हैं, जो पहले नक्सली संगठन में थे और अब विवादित जमीन पर कब्जे की कोशिश कर रहे हैं।”

जमीन विवाद: जमींदारी बनाम विस्थापित किसान

घटना की जड़ में 1964 से जुड़ा जमीन विवाद है। स्थानीय मुखिया धुचला मुंडा और डॉ. बोने उरांव ने बताया कि यह जमीन हुरहुरी के पूर्व जमींदार सत्यनारायण नाथ शाहदेव ने विस्थापित लेदे उरांव को बेची थी, जिसके डीड और पट्टा आज भी ग्रामीणों के पास हैं।

लेकिन वर्तमान वंशज लाल वैभव नाथ शाहदेव का दावा है कि यह उनकी खतियानी जमीन है और उन्होंने कभी इसे नहीं बेचा। उन्होंने कहा:

“कुछ लोग फर्जी कागजात के सहारे जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। पड़हा के नाम पर लोगों को उकसाया गया।”

पड़हा बनाम प्रशासन: टकराव की स्थिति

स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों का आरोप है कि ग्राम सभा में पुलिस ने उन्हें शामिल नहीं होने दिया, जिससे विवाद और गहराया। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थीं।

डीएसपी अशोक कुमार राम ने बताया कि:

“भीड़ ने पुलिसकर्मियों को काफी दूर तक खदेड़ा। अगर पुलिस फायरिंग न करती, तो थाना प्रभारी की जान जा सकती थी।”

पुलिस कार्रवाई तेज, FIR दर्ज

इस हमले में 10 से अधिक नामजद आरोपियों के साथ कई अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस का कहना है कि हमले में शामिल गिरोह का नेटवर्क और उद्देश्य खतरनाक है, जिसे जल्द ही उजागर कर कार्रवाई की जाएगी।

न्यूज़ देखो: जमीन की लड़ाई नहीं, समाज की चेतना की लड़ाई है

रांची में घटित यह घटना सिर्फ जमीन विवाद नहीं, बल्कि स्थानीय सत्ता, पहचान और सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर चुनौती है। न्यूज़ देखो ऐसे संवेदनशील मामलों में हर पक्ष की आवाज को सामने लाकर निष्पक्षता की जिम्मेदारी निभाता रहेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सामाजिक समरसता और कानून व्यवस्था, दोनों की हो रक्षा

यह घटना दिखाती है कि सामाजिक विवादों को यदि समय रहते नहीं सुलझाया गया, तो वे प्रशासनिक और कानून व्यवस्था पर भी सीधा हमला बन सकते हैं। समाज को चाहिए कि कानूनी रास्तों से ही समाधान निकाले और प्रशासन को चाहिए कि सभी पक्षों को सुनकर पारदर्शी कार्रवाई करे।

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