Latehar

नेतरहाट के मुखिया के फर्जी हस्ताक्षर और मुहर से कराया भूमि लीज, डीसी से जांच की मांग

#लातेहार #फर्जीलीजमामला – मुखिया रामबिशुन नगेशिया ने लगाया थाना पर FIR नहीं लेने का आरोप, भू-माफियाओं के गठजोड़ का संदेह
  • नेतरहाट पंचायत के नाम से फर्जी तरीके से तैयार कराई गई लीज डीड
  • मुखिया रामबिशुन नगेशिया के फर्जी हस्ताक्षर और पंचायत मुहर का हुआ दुरुपयोग
  • थाना में शिकायत के बावजूद प्राथमिकी दर्ज नहीं, प्रशासनिक निष्क्रियता पर नाराजगी
  • मामले में रांची, लोहरदगा, लातेहार सहित कई जिलों के लोगों के शामिल होने का शक
  • मुखिया ने डीसी और एसपी से उच्चस्तरीय जांच और डीड रद्द करने की मांग की

फर्जी हस्ताक्षर और मुहर से पंजीकृत हुआ भूमि लीज

ग्राम पंचायत नेतरहाट के निर्वाचित मुखिया रामबिशुन नगेशिया ने भूमि लीज घोटाले का बड़ा मामला उजागर किया है। उन्होंने बताया कि उनके फर्जी हस्ताक्षर और पंचायत की सरकारी मुहर का दुरुपयोग कर दिनांक 06 सितंबर 2023 को एक लीज एग्रीमेंट डीड (डीड संख्या: 2023/LAT/2338/BK1/2330) तैयार कर लातेहार SRO कार्यालय में पंजीकृत कराया गया, जिसकी जानकारी उन्हें हाल ही में मिली।

थाना में शिकायत देने के बावजूद FIR नहीं

मुखिया ने इस फर्जीवाड़े के संबंध में नेतरहाट थाना प्रभारी को लिखित आवेदन सौंपा, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा:

“जब एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि की शिकायत पर थाना प्राथमिकी दर्ज नहीं करता, तो आम नागरिकों के साथ न्याय की क्या स्थिति होगी, यह सहज अनुमान लगाया जा सकता है।”

उन्होंने इसे थाना प्रशासन की संवेदनहीनता और विधि शासन की अवहेलना बताया है।

बहु-ज़िला नेटवर्क की आशंका

मुखिया रामबिशुन नगेशिया ने बताया कि इस फर्जी डीड में शामिल लोग लोहरदगा, रांची, नेतरहाट और लातेहार से हैं, जिससे यह संगठित भू-माफियाओं का बहु-ज़िला नेटवर्क होने का संदेह गहरा हो गया है। उनका कहना है कि यह एक साधारण जालसाजी नहीं, बल्कि एक सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र हो सकता है।

उपायुक्त और एसपी से की उच्चस्तरीय जांच की मांग

मुखिया ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए लातेहार उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा है। उन्होंने फर्जी डीड को तत्काल रद्द करने, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तथा नेतरहाट थाना को निर्देशित कर FIR दर्ज कराने की अपील की है।

उन्होंने चेतावनी दी कि:

“यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं होती है, तो मैं पुलिस महानिदेशक, झारखंड को शिकायत करूंगा और जरूरत पड़ी तो न्यायालय की शरण में भी जाऊंगा।”

न्यूज़ देखो: क्या सरकारी मुहर और दस्तावेज अब सुरक्षित नहीं?

एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि की मुहर और हस्ताक्षर की नक़ल से ज़मीन का लीज बन जाना प्रशासनिक सुरक्षा की विफलता है। यह केवल मुखिया के अधिकारों का उल्लंघन नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं के अस्तित्व पर हमला है। न्यूज़ देखो मांग करता है कि इस मामले की एसआईटी जांच कर फर्जीवाड़े में शामिल सभी लोगों को न्यायिक कठघरे में लाया जाए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

फर्जीवाड़े के खिलाफ आवाज़ उठाएं

हम सभी की जिम्मेदारी है कि सरकारी दस्तावेजों की गरिमा को बनाये रखें। अगर आप भी अपने क्षेत्र में किसी तरह की जालसाजी या दस्तावेजों के दुरुपयोग से जुड़े मामलों से अवगत हैं, तो प्रशासन को अवश्य सूचित करें। न्यूज़ देखो आपके साथ है — सच दिखाने और न्याय दिलाने के लिए।

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