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गिरिडीह में करोड़ों की सड़क पर भूधसान, 24 घंटे ठप रहा आवागमन, यूनियन ने जताई कड़ी नाराजगी

#गिरिडीह #भूधसान : बरवाडीह रोड पर धंसी नई बनी सड़क — सीसीएल ने बंद कराया रास्ता, यूनियन ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग

रातोंरात धंसी करोड़ों की सड़क, 24 घंटे रहा आवागमन ठप

गिरिडीह जिले के बनियाडीह कबरीबाद से बरवाडीह को जोड़ने वाली प्रमुख सड़क पर गुरुवार की रात अचानक भूधसान हो गया, जिससे सड़क का एक हिस्सा बुरी तरह धंस गया। शुक्रवार शाम 5 बजे तक यह मार्ग पूरी तरह बंद रहा, जिससे स्थानीय नागरिकों, वाहन चालकों और कारोबारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

यह वही सड़क है जिसे हाल ही में करोड़ों की लागत से पथ निर्माण विभाग ने बनाया था। निर्माण के कुछ ही समय में इस तरह की धंसान की घटना ने निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सीसीएल प्रबंधन ने तत्काल बंद कराया मार्ग

घटना की जानकारी मिलते ही सीसीएल प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से सड़क पर आवागमन रोक दिया और फिलिंग (भराई) का कार्य शुरू करा दिया। मौके पर सीसीएल के महाप्रबंधक और परियोजना पदाधिकारी स्वयं मौजूद रहे और स्थिति का जायजा लिया।

सीसीएल अधिकारी ने कहा: “हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है। जैसे ही खतरा महसूस हुआ, रास्ता बंद कर मरम्मत प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।”

यूनियन ने जताई कड़ी आपत्ति, मंत्री की अनुशंसा पर बनी थी सड़क

शुक्रवार को झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के नेता घटनास्थल पर पहुंचे और घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि यह सड़क राज्य के मंत्री सुदिव्य कुमार की अनुशंसा पर क्षेत्र के विकास हेतु बनाई गई थी। ऐसे में इस तरह का हादसा जनता के विश्वास और विकास योजनाओं पर सीधा आघात है।

यूनियन नेता ने कहा: “यह कोई सामान्य तकनीकी खामी नहीं है। करोड़ों की लागत से बनी सड़क का धंसना स्पष्ट करता है कि निर्माण कार्य में अनियमितता हुई है।”

यूनियन ने इस मसले को गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की ताकि दोषियों की पहचान हो सके और भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोहराई न जाए

विकास की राह में रोड़ा बनी लापरवाही

यह हादसा उस वक्त हुआ है जब गिरिडीह क्षेत्र में सड़क और अधोसंरचना विकास की योजनाएं तेज़ी से आगे बढ़ रही थीं। सड़क का धंसना न केवल आवागमन को बाधित करता है, बल्कि यह सरकारी धन की बर्बादी और जनता की अपेक्षाओं के साथ विश्वासघात भी है।

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि गुणवत्ता पर समझौता किसी भी योजना को नाकाम बना सकता है, चाहे वह कितने भी बड़े स्तर पर क्यों न हो।

न्यूज़ देखो: विकास की बुनियाद में दरार की चेतावनी

गिरिडीह की यह घटना सिर्फ एक सड़क धंसने की नहीं, बल्कि विकास के बुनियादी ढांचे की जड़ में छिपी अनदेखी की कहानी है। जनता को समय पर सड़कें मिलें, ये मजबूत और टिकाऊ हों — यह शासन और प्रशासन की जवाबदेही है। यूनियन की नाराजगी और मांगों को अनसुना करना क्षेत्रीय असंतोष को जन्म दे सकता है।

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