
#डंडई #पर्यटन : 200 मीटर ऊँचाई पर बसा लंगोटिया बाबा स्थल बन रहा है श्रद्धा और मानसिक शांति का अद्भुत केंद्र
- डंडई प्रखंड मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर स्थित लंगोटिया बाबा स्थान आस्था और प्रकृति का अनोखा संगम है।
- 200 मीटर ऊँचाई पर स्थित यह स्थल भक्तों और प्रकृति प्रेमियों दोनों को आकर्षित कर रहा है।
- यहाँ आने वाले श्रद्धालु बताते हैं कि यह स्थान मन को शांति और सुकून प्रदान करता है।
- पहाड़ी से दिखाई देता है आसपास का मनमोहक प्राकृतिक दृश्य, जो पर्यटकों के लिए खास आकर्षण है।
- स्थानीय मान्यता है कि लंगोटिया बाबा के दरबार में की गई हर सच्ची मन्नत पूरी होती है।
गढ़वा जिले के डंडई प्रखंड क्षेत्र में स्थित लंगोटिया बाबा का पवित्र स्थल न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मानसिक शांति और आत्मिक सुकून का केंद्र भी बन गया है। लगभग 200 मीटर ऊँचाई पर पहाड़ी की गोद में स्थित यह स्थान हर आगंतुक को प्रकृति के निकटता का अनुभव कराता है। यहाँ का वातावरण इतना शांत और आध्यात्मिक है कि शहरी जीवन के तनाव और भागदौड़ से थके लोग भी कुछ ही क्षणों में मानसिक शांति महसूस करते हैं।
प्रकृति की गोद में बसे आस्था के प्रतीक
डंडई मुख्यालय से पश्चिम दिशा में मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह स्थल हर मौसम में अपनी एक अलग ही छवि प्रस्तुत करता है। घने जंगलों और हरियाली से घिरी यह पहाड़ी, जहाँ लंगोटिया बाबा का मंदिर स्थित है, आसपास के पूरे क्षेत्र का विहंगम दृश्य प्रस्तुत करती है। यहाँ की ठंडी हवाएँ और पेड़ों की सरसराहट एक ऐसा वातावरण बनाती हैं, जिसमें व्यक्ति को अलौकिक सुकून का अनुभव होता है।
श्रद्धा और विश्वास से भरा पवित्र स्थल
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, लंगोटिया बाबा के दरबार में सच्चे मन से की गई हर मन्नत पूरी होती है। इसी वजह से यहाँ रोज़ाना दूर-दूर से भक्त पहुँचते हैं। कई श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएँ पूरी होने पर यहाँ ध्वज चढ़ाते हैं या पूजा-अर्चना कर धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। सावन और नवरात्र जैसे धार्मिक अवसरों पर यहाँ भक्तों की भीड़ देखने लायक होती है।
यह स्थान धार्मिक आस्था के साथ-साथ प्राकृतिक पर्यटन का भी केंद्र बनता जा रहा है। फोटो खींचने वाले पर्यटक यहाँ के शांत दृश्यों को अपने कैमरे में कैद करते हैं, वहीं कुछ लोग बस चुपचाप बैठकर पहाड़ों और आसमान के मिलन को निहारते हैं।
स्थानीय लोगों की पहल और उम्मीदें
ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन इस स्थल के विकास पर ध्यान दे, तो यह क्षेत्र धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन सकता है। यहाँ तक पहुँचने वाली सड़क को सुधारने, पेयजल और विश्राम व्यवस्था बढ़ाने की जरूरत है ताकि और अधिक लोग यहाँ आ सकें।
न्यूज़ देखो: जहाँ श्रद्धा मिलती है शांति से
लंगोटिया बाबा स्थल यह साबित करता है कि झारखंड की भूमि केवल आस्था का नहीं, बल्कि आत्मिक सुकून का भी प्रतीक है। इस जैसे स्थलों का संरक्षण और विकास न केवल धार्मिक भावनाओं को सशक्त करेगा, बल्कि क्षेत्रीय पर्यटन को भी नई दिशा देगा।
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मन की शांति के लिए लौटें प्रकृति की ओर
आज की व्यस्त जिंदगी में हमें उन स्थलों को अपनाने की जरूरत है, जहाँ मन और आत्मा दोनों को सुकून मिले। लंगोटिया बाबा जैसा स्थल यही संदेश देता है कि शांति बाहरी चीज़ नहीं, बल्कि प्रकृति और आस्था के संगम में निहित है।
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