
#गढ़वा #फसलबीमा : उपायुक्त दिनेश यादव ने किसानों से अपील की कि वे केवल ₹1 टोकन मनी में धान और मकई की फसल का बीमा समय पर कराएं – अंतिम तिथि 31 अगस्त 2025
- बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2025 तय।
- उपायुक्त दिनेश यादव ने सभी किसानों से योजना में भाग लेने की अपील की।
- धान और मकई की फसल का बीमा मात्र ₹1 प्रति प्लॉट (टोकन मनी) में संभव।
- अब तक 26,162 किसानों ने बीमा कराया, लक्ष्य है 1,12,998 किसान।
- CSC संचालकों को निर्देश – किसानों से ₹1 से अधिक न लें, उल्लंघन पर कार्रवाई होगी।
- 72 घंटे में शिकायत करने पर प्राकृतिक आपदा से हुए फसल नुकसान पर राहत मिलेगी।
गढ़वा जिले में खरीफ मौसम की तैयारियों के बीच बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (B-PMFBY) को लेकर प्रशासन ने अंतिम तिथि तय कर दी है। किसानों के लिए यह योजना सुरक्षा कवच की तरह है, जिसमें उन्हें धान और मकई जैसी प्रमुख फसलों का बीमा मात्र ₹1 प्रति प्लॉट पर कराने का अवसर मिल रहा है। उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी दिनेश यादव ने साफ कहा है कि अब समय कम है और किसानों को इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए। जिले में अब तक लगभग 23 प्रतिशत किसान ही बीमा करा पाए हैं, जबकि लक्ष्य कहीं बड़ा है।
योजना का उद्देश्य और महत्व
यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, फसल विफलता और अन्य जोखिमों से सुरक्षा प्रदान करती है। बीमा के तहत फसल बुवाई असफल होने पर 25% बीमित राशि का लाभ मिलेगा। इसके अलावा कटाई के बाद भी 14 दिनों तक कवरेज उपलब्ध रहेगा, ताकि ओलावृष्टि, चक्रवात या तूफान जैसी घटनाओं से प्रभावित किसानों को मुआवजा मिल सके।
उपायुक्त दिनेश यादव ने कहा: “फसल बीमा कराना हर किसान का हक है। महज ₹1 में धान और मकई की फसल का बीमा कराने का यह अवसर किसी कवच से कम नहीं है। सभी किसान अंतिम तिथि से पहले अपना बीमा अवश्य कराएं।”
बीमा कराने की प्रक्रिया
ऋणी किसान अपनी बैंक शाखाओं के माध्यम से स्वतः बीमा करा सकते हैं।
गैर-ऋणी किसान निकटतम CSC प्रज्ञा केंद्र या www.pmfby.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
बीमा कराने के लिए किसानों को कुछ जरूरी दस्तावेज देने होंगे –
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- जमीन का कागज (भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र)
- स्वप्रमाणित घोषणा पत्र (फसल बुवाई प्रमाण पत्र)
- वंशावली (यदि जमीन दादा/परदादा के नाम पर है)
- बटाईदार किसानों के लिए नोटराइज्ड शपथपत्र
- मोबाइल नंबर (OTP हेतु)
जिले की प्रगति और चुनौतियाँ
गढ़वा जिले में 1,12,998 किसानों का बीमा कराने का लक्ष्य है, जबकि अब तक मात्र 26,162 किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया है। यह आंकड़ा सिर्फ 23.15% प्रगति दर्शाता है। उपायुक्त ने इसे असंतोषजनक बताते हुए अधिकारियों को विशेष शिविर लगाने और अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के निर्देश दिए।
पंचायत स्तर पर विशेष कैंप
सभी पंचायत मुखिया को निर्देश दिया गया है कि वे पंचायत भवनों पर प्रतिदिन CSC केंद्रों के माध्यम से विशेष कैंप आयोजित करें। इन कैंपों में BTM, ATM, कृषक मित्र, पंचायत सेवक और पंचायत/प्रखंड स्तर के अधिकारी सक्रिय भूमिका निभाएँगे।
कठोर कार्रवाई की चेतावनी
CSC संचालकों को चेतावनी दी गई है कि वे किसानों से केवल ₹1 टोकन मनी ही लें। किसी भी प्रकार की अतिरिक्त वसूली पाए जाने पर उन पर कठोर कार्रवाई होगी। साथ ही बैंक शाखाओं को भी यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि उनके सभी पात्र किसानों का बीमा समय सीमा के भीतर पूरा हो।
किसानों के लिए लाभ और राहत
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि फसल नुकसान होने पर किसान 72 घंटे के भीतर टोल फ्री नंबर 14447 पर शिकायत दर्ज कर राहत पा सकते हैं। पैदावार में कमी होने की स्थिति में भी बीमा कंपनी द्वारा उचित मुआवजा दिया जाएगा।
एक स्थानीय किसान ने कहा: “पहले हमें लगता था कि बीमा सिर्फ औपचारिकता है, लेकिन अब प्रशासन की पहल से हमें भरोसा है कि नुकसान होने पर हमें राहत मिलेगी।”
न्यूज़ देखो: किसानों के लिए सुरक्षा कवच
गढ़वा जिले में बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सिर्फ बीमा नहीं, बल्कि किसानों की मेहनत और आजीविका का सुरक्षा कवच है। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और हर किसान को इसका लाभ मिलना चाहिए। यह पहल दिखाती है कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
किसान बने आत्मनिर्भर
किसानों के लिए यह सुनहरा अवसर है कि वे अपनी फसल को सुरक्षित करें और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ें। अब समय है कि हर किसान इस योजना का लाभ उठाकर भविष्य की चुनौतियों से खुद को सुरक्षित करे। अपनी राय कमेंट करें, खबर को दोस्तों तक पहुँचाएँ और जागरूकता फैलाएँ ताकि कोई भी किसान इस सुरक्षा कवच से वंचित न रह जाए।