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फादर जेफ्रीयानूस बाखला SDB को अंतिम विदाई: लुरडीपा भागीटोली में भावपूर्ण माहौल में हुआ अंतिम संस्कार

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#भगितोली #श्रद्धांजलि – सालेशियन समाज के तपस्वी और प्रेरणादायक व्यक्तित्व फादर जेफ्रीयानूस बाखला को लुरडीपा, भागीटोली में दी गई अंतिम विदाई
  • फादर जेफ्रीयानूस का अंतिम संस्कार लुरडीपा, भागीटोली में आयोजित
  • रांची हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस रत्नाकर ने अर्पित की श्रद्धांजलि
  • पवित्र मिस्सा बलिदान के बाद विधिपूर्वक संपन्न हुई अंतिम क्रिया
  • सालेशियन समाज और झारखंड के लिए बने प्रेरणा स्रोत
  • 1973 में धर्म जीवन की शुरुआत, 1981 में बने पुरोहित

श्रद्धा और सेवा के प्रतीक फादर जेफ्रीयानूस को अंतिम सलामी

गुमला जिले के डुमरी प्रखंड के पंचायत जुरमु में बुधवार 9 जुलाई 2025 को फादर जेफ्रीयानूस बाखला SDB के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार अत्यंत श्रद्धा, सम्मान और आत्मीयता के साथ किया गया।
यह आयोजन प्रातः 11:00 बजे पवित्र मिस्सा बलिदान के साथ आरंभ हुआ, जिसके उपरांत विधिपूर्वक अंतिम क्रिया संपन्न हुई। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में धार्मिक गणमान्य, सामाजिक कार्यकर्ता, स्थानीय नागरिक और श्रद्धालु उपस्थित रहे।

न्यायमूर्ति रत्नाकर ने दी श्रद्धांजलि, बताया समाज का मार्गदर्शक

अंतिम संस्कार में विशेष उपस्थिति दर्ज कराने वालों में रांची उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जस्टिस श्री रत्नाकर प्रमुख रहे। उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा:

सेवानिवृत्त न्यायाधीश रत्नाकर ने कहा: “फादर बाखला न केवल एक आध्यात्मिक गुरु थे, बल्कि उन्होंने समाज के वंचित वर्गों के लिए जीवन समर्पित कर दिया। वे सेवा, करुणा और निष्ठा के प्रतीक थे।”

सेवा और अध्यात्म से परिपूर्ण जीवन यात्रा

फादर जेफ्रीयानूस बाखला का संपूर्ण जीवन समाज, शिक्षा और धर्म के प्रति निस्वार्थ समर्पण का उदाहरण है। उनका जीवन परिचय इस प्रकार है:

  • जन्म: 12 अगस्त 1951
  • प्रथम प्रतिज्ञा: 24 मई 1973
  • स्थायी प्रतिज्ञा: 11 मई 1979
  • पुरोहित अभिषेक: 31 दिसंबर 1981

वे सालेशियन समाज के एक प्रमुख स्तंभ थे, जिन्होंने झारखंड राज्य में मिशनरी कार्य, शिक्षा और सामाजिक सुधार को नई दिशा दी।

सभी वर्गों के लोगों ने किया नम आंखों से विदा

अंतिम संस्कार कार्यक्रम में धर्माध्यक्षों, पादरियों, धार्मिक बहनों, समाजसेवियों और ग्रामीणों ने भाग लिया। सभी ने फादर की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और उनके सेवा कार्यों को स्मरण किया।
पूरे क्षेत्र में शोक और श्रद्धा का वातावरण व्याप्त रहा।

स्थानीय निवासी विजय एक्का ने कहा: “फादर जेफ्रीयानूस का स्नेह, सरलता और समर्पण आज भी हमारे हृदय में जीवित है। उनकी कमी हमेशा खलेगी।”

न्यूज़ देखो: समाज सेवा और आध्यात्मिकता की मिसाल बनी एक विदाई

न्यूज़ देखो फादर जेफ्रीयानूस बाखला के सेवा-समर्पण पूर्ण जीवन को आध्यात्मिक प्रेरणा और सामाजिक चेतना का संगम मानता है। उनका जीवन संदेश देता है कि सच्चा धर्म सेवा में है, और सेवा में ही समाज का कल्याण निहित है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

समाज को जोड़ने वाला जीवन, सदैव रहेगा प्रेरणास्रोत

ऐसे व्यक्तित्व का जाना केवल एक व्यक्ति की विदाई नहीं, बल्कि एक युग की समाप्ति जैसा है।
आइए, हम सब मिलकर उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रयास करें — सेवा, सादगी और करुणा को अपने जीवन में आत्मसात करें।
यह लेख साझा करें और दूसरों को भी उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित करें।

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