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तेज बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी के बीच लातेहार प्रशासन मौन — बच्चों की जान जोखिम में

#लातेहार #प्रशासनिक_चुप्पी – जब झारखंड के दूसरे जिले स्कूल बंद कर रहे हैं, लातेहार में जारी है लापरवाही का सिलसिला

लातेहार प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल

झारखंड के कई जिलों में जब प्रशासन ने मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए स्कूलों में अवकाश घोषित किया, वहीं लातेहार में अभी तक किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिया गया है। यह प्रशासनिक चुप्पी अब अभिभावकों और शिक्षकों के बीच रोष और चिंता का कारण बन रही है।

बिजली गिरने का खतरा, फिर भी खुले हैं स्कूल

लातेहार जिला भौगोलिक दृष्टि से संवेदनशील है — जंगलों और ऊँचे पेड़ों से घिरे स्कूल, पर्वतीय इलाका, और हर साल बिजली गिरने की घटनाएं। इसके बावजूद प्रशासन ने अभी तक स्कूलों को लेकर कोई एहतियात नहीं बरती है।

स्थानीय निवासी ममता देवी ने नाराजगी जताते हुए कहा:

“बच्चों को भेजना मजबूरी है, लेकिन डर भी है। रांची, गिरिडीह में छुट्टी है, तो लातेहार में क्यों नहीं?”

कोई तड़ित चालक नहीं, स्कूलों में सुरक्षा शून्य

ग्रामीण इलाकों के अधिकांश विद्यालयों में तड़ित चालक (Lightning Arrestor) तक नहीं लगे हैं, जिससे बिजली गिरने की स्थिति में जानलेवा खतरा बना हुआ है। वर्षा के समय बच्चे भीगते हुए स्कूल पहुंचते हैं, और कई स्थानों पर विद्यालय भवन भी जर्जर और असुरक्षित हैं।

मौसम विभाग ने किया साफ़ अलर्ट — फिर भी अनदेखी क्यों?

मौसम विज्ञान केंद्र, रांची ने 18 से 20 जून के बीच झारखंड के कई जिलों में भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी दी है, जिसके बाद कई जिलों में अवकाश की घोषणा कर दी गई, लेकिन लातेहार जिला प्रशासन अब तक निर्णय नहीं ले सका।

प्रशासन की यह निष्क्रियता, आने वाले समय में किसी अनहोनी का कारण न बन जाए — यह सबसे बड़ा सवाल है।

अभिभावकों और शिक्षक संगठनों की मांग

लातेहार के शिक्षक संगठनों, अभिभावकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जल्द से जल्द स्कूलों में छुट्टी घोषित की जाए। साथ ही भविष्य में ऐसे हालात के लिए एक स्पष्ट गाइडलाइन बने, जिससे हर बार की तरह प्रशासनिक चूक न हो।

न्यूज़ देखो: बच्चों की सुरक्षा से समझौता नहीं

जब मौसम विभाग ने चेतावनी दी है, अन्य जिलों ने ऐहतियात बरती है — तो लातेहार में चुप्पी क्यों? बच्चों की सुरक्षा केवल कागजों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, यह जिम्मेदारी बनानी होगी। न्यूज़ देखो पूछता है — क्या प्रशासन कोई दुर्घटना होने का इंतजार कर रहा है?
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आइए बदलाव की आवाज़ बनें

बच्चों की सुरक्षा के लिए अब चुप रहना अपराध है। अपनी आवाज़ उठाइए, इस खबर को शेयर करिए, और प्रशासन तक यह संदेश पहुंचाइए कि
बच्चों की जान की कीमत किसी भी सरकारी चूक से बड़ी है।

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