हाइलाइट्स :
- हिंडाल्को की जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप, प्रशासन की कार्रवाई
- ग्रामीणों और परिजनों के विरोध के बाद रुकी तोड़फोड़
- पंचायत समिति सदस्य अयूब खान ने बताया कंपनी का रवैया अमानवीय
हिंडाल्को और जैनुल मियां के बीच जमीन विवाद
लातेहार जिले के चकला गांव में हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड और स्थानीय निवासी जैनुल मियां के बीच जमीन को लेकर विवाद खड़ा हो गया। कंपनी का दावा है कि मौजा-चकला, खाता नंबर-201, प्लॉट नंबर-999 एवं 1001 की जमीन उसकी है, जिस पर जैनुल मियां ने अवैध रूप से झोपड़ी बना ली। कंपनी की शिकायत के बाद अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) लातेहार के निर्देश पर प्रशासनिक टीम कार्रवाई करने पहुंची।
ग्रामीणों का विरोध, कार्रवाई रुकी
प्रशासनिक टीम के जेसीबी लेकर पहुंचते ही ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। रमजान के महीने में घर तोड़ने की आशंका से परिवार की महिलाएं रोने लगीं और अधिकारियों से घर न गिराने की गुहार लगाने लगीं।
- ग्रामीणों का कहना है कि जैनुल मियां पिछले 20 वर्षों से यहां रह रहे हैं और उनके पास जमीन की रजिस्ट्री मौजूद है।
- हिंडाल्को कंपनी के पास भी स्वामित्व के दस्तावेज हैं, जिससे मामला विवादित हो गया है।
अयूब खान ने प्रशासन से न्याय की मांग की
पंचायत समिति सदस्य और पूर्व लोकसभा प्रत्याशी अयूब खान ने इस कार्रवाई को गरीब विरोधी बताया। उन्होंने कहा:
“अगर हिंडाल्को को यह जमीन चाहिए तो उसे जैनुल मियां को कहीं और बसाने की व्यवस्था करनी चाहिए। बिना वैकल्पिक व्यवस्था के किसी परिवार को बेघर करना अन्याय होगा।”
प्रशासन ने दिया पुनर्विचार का आश्वासन
ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल तोड़फोड़ की कार्रवाई रोक दी और मामले की समीक्षा का आश्वासन दिया। हालांकि, हिंडाल्को अब भी जमीन को लेकर अडिग है और प्रशासन से कार्रवाई की मांग कर रही है।
क्या होगा आगे?
अब सवाल यह उठता है कि प्रशासन दोनों पक्षों के दस्तावेजों की जांच करेगा या जल्द ही फिर से घर गिराने की कार्रवाई होगी? फिलहाल, परिवार को अस्थायी राहत मिली है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।
‘न्यूज़ देखो’ की नज़र इस मामले पर बनी रहेगी
क्या प्रशासन गरीब परिवार को न्याय दिला पाएगा या कंपनी की मांग पर कार्रवाई आगे बढ़ेगी? ‘न्यूज़ देखो’ आपको इस खबर की हर अपडेट देता रहेगा।