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लातेहार स्वास्थ्य केंद्र के बीपीएम अजय भारती पांच हजार रुपए घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

#लातेहार #एसीबी_कार्रवाई : एसीबी पलामू टीम ने धर्मपुर स्थित डेरा में छापेमारी कर बीपीएम अजय भारती को घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा — स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप।

लातेहार जिले के स्वास्थ्य विभाग में उस समय अफरातफरी मच गई जब पलामू स्थित एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की टीम ने एक बड़े घूसकांड का पर्दाफाश किया। टीम ने प्रखंड स्वास्थ्य केंद्र के बीपीएम सह एमटीएस अजय भारती को ₹5000 घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई शनिवार को हुई, जब एसीबी की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया था। गिरफ्तारी के बाद टीम ने धर्मपुर में स्थित आरोपी के डेरा पर तलाशी भी ली और फिर उसे पूछताछ के लिए अपने साथ पलामू ले गई।

शिकायत और जांच की पूरी कहानी

मिली जानकारी के अनुसार, अजय भारती ने किसी एनएम (नर्सिंग स्टाफ) से कार्य निष्पादन के लिए ₹10,000 की घूस की मांग की थी। इससे परेशान होकर पीड़ित ने सीधे एसीबी पलामू कार्यालय में इसकी लिखित शिकायत दी। शिकायत मिलने के बाद एसीबी अधिकारियों ने पहले मामले की गोपनीय जांच कराई, जिसमें आरोप सही साबित हुआ। इसके बाद एक ट्रैप टीम तैयार की गई और तय योजना के तहत अजय भारती को रंगे हाथ पकड़ने के लिए धर्मपुर स्थित उसके ठिकाने पर नजर रखी गई।

रंगे हाथ गिरफ्तारी की कार्रवाई

शनिवार को जैसे ही अजय भारती ने शिकायतकर्ता से ₹5000 रिश्वत की रकम स्वीकार की, एसीबी की टीम ने उसे तुरंत धर दबोचा। टीम ने मौके से नकदी बरामद की और पूरे लेन-देन की प्रक्रिया को रिकॉर्ड भी किया। इसके बाद आरोपी को हिरासत में लेकर धर्मपुर स्थित उसके डेरा की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान कुछ दस्तावेज़ और फाइलें जब्त की गईं, जिनकी जांच की जा रही है।

एसीबी टीम ने की पुष्टि

एसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि मामला पूरी तरह सत्यापित और प्रमाणित पाया गया है।

एसीबी अधिकारी ने कहा: “अजय भारती को रंगे हाथ पकड़ने की कार्रवाई पूरी तरह साक्ष्य आधारित थी। आगे की जांच में यह भी देखा जाएगा कि कहीं इसमें कोई और अधिकारी या कर्मचारी शामिल तो नहीं था।”

गिरफ्तारी के बाद आरोपी को पलामू एसीबी मुख्यालय ले जाया गया, जहां उससे पूछताछ जारी है। टीम ने यह भी संकेत दिए हैं कि आरोपी से मिली जानकारी के आधार पर आगे और भी कार्रवाई की जा सकती है

स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप

इस कार्रवाई के बाद लातेहार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हड़कंप मच गया है। विभागीय कर्मचारियों के बीच चर्चा का विषय यह बन गया है कि किस प्रकार घूसखोरी की आदत ने विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाया है। कई कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायतें पहले भी आती रही हैं, लेकिन यह पहली बार है जब किसी अधिकारी को इस तरह रंगे हाथ पकड़ा गया है।

न्यूज़ देखो: जवाबदेही तय होनी चाहिए

एसीबी की यह कार्रवाई स्पष्ट रूप से यह दर्शाती है कि राज्य सरकार के दफ्तरों में भ्रष्टाचार अब भी जड़ तक फैला हुआ है। स्वास्थ्य विभाग जैसे संवेदनशील क्षेत्र में रिश्वतखोरी न केवल प्रशासनिक गिरावट का संकेत है, बल्कि जनता के विश्वास के साथ सीधा विश्वासघात भी है। सरकार को इस घटना को एक चेतावनी के रूप में लेकर सख्त अनुशासनात्मक कदम उठाने की जरूरत है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

भ्रष्टाचार मुक्त समाज की दिशा में एक कदम

लातेहार की यह घटना इस बात की सीख देती है कि जब आम नागरिक आवाज उठाते हैं तो भ्रष्टाचार की जड़ें हिलती हैं। यह जरूरी है कि हम सब भ्रष्टाचार के खिलाफ सजग और सक्रिय रहें। रिश्वत देने या लेने की हर कोशिश को तुरंत रिपोर्ट करें और सिस्टम को साफ रखने में अपनी भूमिका निभाएं।
अब वक्त है कि हम सब मिलकर ईमानदारी और पारदर्शिता की राह पर समाज को आगे बढ़ाएं। अपनी राय नीचे कमेंट में साझा करें और इस खबर को दोस्तों तक पहुंचाएं ताकि जागरूकता फैले और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद हो।

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