- बरवाडीह प्रखंड के पंचायत उक्कामाड़ में मनरेगा योजना में भारी भ्रष्टाचार का मामला उजागर।
- बिरसा सिंचाई संबर्धन मिशन के तहत कूप निर्माण में पोकलेन मशीन से नियम विरुद्ध खुदाई।
- लाभुक के खेत के बजाय स्थल परिवर्तन कर दूसरे स्थान पर किया गया निर्माण कार्य।
- ग्रामीणों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी से की शिकायत, जिओ टैग और मजदूरी भुगतान पर उठे सवाल।
बरवाडीह प्रखंड में मनरेगा योजना का खेल
लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड के पंचायत उक्कामाड़ में मनरेगा के तहत चल रही योजनाओं में भ्रष्टाचार की एक और कड़ी जुड़ गई है। अमरेश राम के खेत में बिरसा सिंचाई संबर्धन मिशन के अंतर्गत कूप निर्माण कार्य में खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इस योजना के तहत खेत के बीच में कूप निर्माण होना था, लेकिन बिचौलियों और कर्मियों ने स्थल परिवर्तित कर दिया और वहां निर्माण कराया, जहां पहले से ही एक कच्चा कूप मौजूद था।
पोकलेन मशीन से खुदाई, मनरेगा नियमों की अनदेखी
लाभुक के पुत्र ने बताया कि उसके पिता के नाम पर कूप सेंक्शन हुआ था और उसे उनके खेत के बीच में निर्माण किया जाना था। मगर बिचौलिया और कर्मी ने जबरदस्ती स्थल परिवर्तन कर निर्माण स्थल बदल दिया। पोकलेन मशीन से लगभग 20 फीट की गहराई तक खुदाई कर दी गई, जो कि मनरेगा के नियमों का सीधा उल्लंघन है।
ग्रामीणों की शिकायत और प्रशासन की निष्क्रियता
ग्रामीणों ने इस गड़बड़ी के खिलाफ प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) बरवाडीह को आवेदन देने का फैसला किया है। ग्रामीणों का सवाल है कि आखिर उक्त कूप निर्माण का जिओ टैग कहां और कैसे किया गया है, जबकि इस योजना में दो एमआर के साथ लगभग 15 हजार रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है।
जॉब कार्ड निरस्तीकरण की मांग
अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि किन-किन मजदूरों के बैंक खाते में इस योजना की राशि भेजी गई है। ग्रामीणों ने मांग की है कि ऐसे मजदूरों के जॉब कार्ड की जांच होनी चाहिए और फर्जी भुगतान पाए जाने पर उन्हें तत्काल निरस्त किया जाए।
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