
#लातेहारहादसा #BikerKilled #HyvaFire | सड़क सुरक्षा पर फिर खड़े हुए सवाल
- बालूमाथ-पांकी मार्ग पर अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार की मौके पर मौत
- ग्रामीणों ने सड़क जाम कर कोयला परिवहन में लगे हाइवा को लगाई आग
- मृतक की पहचान लावागड़ा गांव निवासी रमेश उरांव के रूप में हुई
- ग्रामीणों ने परिजनों को मुआवजा देने की मांग को लेकर किया विरोध
- थाना प्रभारी ने वाहन की पहचान के लिए जांच शुरू करने की बात कही
टक्कर से बाइक सवार की दर्दनाक मौत
लातेहार जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जहां शुक्रवार रात को एक अज्ञात वाहन की चपेट में आकर बाइक सवार रमेश उरांव की मौके पर ही मौत हो गई। यह दुर्घटना बालूमाथ-पांकी मुख्य पथ पर पचाफेड़ी के पास घटी। रमेश उरांव लावागड़ा गांव के निवासी थे और किसी निजी कार्य से बाहर निकले थे।
गुस्साए ग्रामीणों ने जताया विरोध, फूंका हाइवा
दुर्घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में घटनास्थल पर पहुंच गए और सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। आक्रोशित भीड़ ने कोयला परिवहन में लगे एक हाइवा वाहन को आग के हवाले कर दिया, जिससे वह पूरी तरह जलकर खाक हो गया।
“कोयला लदे ट्रक बेलगाम रफ्तार में चलते हैं, आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं, लेकिन प्रशासन मौन है।”
– आक्रोशित ग्रामीण
पुलिस ने संभाला मोर्चा, चल रही जांच
घटना की जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी अमरेंद्र कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर जाम हटवाया और स्थिति को नियंत्रित किया।
“हम पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। बाइक सवार को टक्कर मारने वाले वाहन की पहचान की जा रही है।”
– अमरेंद्र कुमार, थाना प्रभारी, बालूमाथ
लापरवाह कोयला ट्रांसपोर्ट बना रहा खतरा
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बालूमाथ क्षेत्र में कोयला लोड गाड़ियाँ काफी तेज रफ्तार में चलती हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाएं आम हो गई हैं। प्रशासन की अनदेखी से लोगों में भारी आक्रोश है और वे सड़क सुरक्षा के सख्त नियमों की मांग कर रहे हैं।
न्यूज़ देखो : सड़क सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी है
ऐसी घटनाएं एक बार फिर यह सोचने को मजबूर करती हैं कि लापरवाही और बेलगाम रफ्तार का अंत हमेशा किसी मासूम की जान से होता है। प्रशासन को चाहिए कि वह कोयला परिवहन पर नियंत्रण लगाए और ग्रामीण सड़कों को सुरक्षित बनाए। ‘न्यूज़ देखो’ आपसे अपील करता है – सड़क पर सतर्कता और जिम्मेदारी ही जीवन सुरक्षा का सबसे मजबूत कवच है।