हाइलाइट्स:
- स्कूल किचन मरम्मत में भ्रष्टाचार, सिर्फ नाम मात्र का काम कर निकाली जा रही राशि
- जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव ने पकड़ा घोटाला, जांच के लिए विभाग को दी सूचना
- 330 स्कूलों में 3 करोड़ 19 लाख रुपये की लागत से हो रहे कार्य में अनियमितता
- बिना टेंडर के कराया जा रहा काम, विभाग की कार्यशैली पर उठे सवाल
लातेहार। जिले में शिक्षा विभाग की योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव ने स्कूलों के किचन मरम्मत में भारी गड़बड़ी का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कई स्कूलों में मरम्मत कार्य के नाम पर महज खानापूर्ति कर पैसे की बंदरबांट की जा रही है।
70 हजार से 1 लाख रुपये तक का प्राक्कलन, लेकिन धरातल पर सिर्फ 10-12 हजार का काम
सूचना मिलने के बाद जब जिला परिषद सदस्य विभिन्न स्कूलों में मरम्मत कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे तो स्थिति बेहद चौंकाने वाली थी। उन्होंने बताया कि किचन मरम्मत के नाम पर 70 हजार से 1 लाख रुपये तक का बजट तय किया गया है, लेकिन वास्तव में मात्र 10-12 हजार रुपये का ही काम किया जा रहा है।
मरम्मत के नाम पर घटिया टाइल्स और अधूरा कार्य
विनोद उरांव ने बताया कि प्राक्कलन में स्पष्ट लिखा गया है कि किचन की पूर्ण मरम्मत होगी और फर्श में अच्छे टाइल्स लगाए जाएंगे। लेकिन हकीकत में ठेकेदारों ने सिर्फ सस्ते और घटिया टाइल्स लगाकर काम खत्म कर दिया। इतना ही नहीं, किचन की पुताई भी स्कूल के विकास राशि से कराई जा रही है, जबकि यह संवेदकों की जिम्मेदारी थी।
330 स्कूलों में हो रही अनियमितता, 3 करोड़ 19 लाख रुपये की लागत
उन्होंने बताया कि पहले चरण में लगभग 330 स्कूलों में यह कार्य किया जा रहा है, जिसकी कुल लागत 3 करोड़ 19 लाख रुपये है। हालांकि, वास्तविक कार्य बहुत कम हुआ है और राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है।
शिक्षा विभाग को दी गई शिकायत, फिर भी जारी भुगतान की प्रक्रिया
घोटाले की शिकायत के बाद भी शिक्षा विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उल्टा 41 स्कूलों में 28 लाख रुपये का भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विनोद उरांव ने बताया कि इसका भुगतान जिला परिषद के पीएल अकाउंट से किया जाना है।
बिना टेंडर के हो रहा कार्य, विभाग की कार्यशैली पर सवाल
बड़ी बात यह है कि इस पूरे काम को बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के कराया जा रहा है, जिससे विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहा है। लातेहार के जिला शिक्षा अधीक्षक गौतम कुमार साहू ने बताया कि यह कार्य प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत हो रहा है। उन्होंने कहा कि योजना दो साल पुरानी है और कई स्कूलों में कार्य पूरा कर लिया गया है।
क्या दोषियों पर होगी कार्रवाई?
अब सवाल यह उठता है कि क्या दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी या यह मामला भी दब जाएगा? विनोद उरांव ने चेतावनी दी है कि अगर दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो इस घोटाले के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।
‘न्यूज़ देखो’: भ्रष्टाचार के खिलाफ कब होगी कड़ी कार्रवाई?
लातेहार के स्कूलों में बच्चों के लिए बनने वाले भोजन से जुड़ी योजना में गड़बड़ी होना बेहद गंभीर मामला है। प्रशासन को इसपर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की धांधली न हो। क्या शिक्षा विभाग इस मामले में निष्पक्ष जांच कराएगा और दोषियों को सजा मिलेगी? ‘न्यूज़ देखो’ इस पूरे मामले पर नजर बनाए रखेगा।