#लातेहार – रामनवमी आयोजन को लेकर बैठक में लिए गए अहम निर्णय:
- श्रीरामनवमी पूजा समिति बहेराडाढ, बाबा नगरी की बैठक सम्पन्न।
- मनोकामना सिद्ध हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी त्रिभुवन पांडेय ने श्रीरामनवमी के महत्व पर दिया संदेश।
- सर्वसम्मति से समिति के नए पदाधिकारियों का किया गया चयन।
- महासमिति की अगली बैठक 29 मार्च को मनोकामना सिद्ध मंदिर, संत आश्रम में आयोजित होगी।
बैठक में लिए गए अहम निर्णय
लातेहार के बाइपास चौक स्थित श्रीरामनवमी पूजा समिति बहेराडाढ, बाबा नगरी की बैठक दिनेश भुइया की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस दौरान मनोकामना सिद्ध हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी त्रिभुवन पांडेय मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
बैठक में श्रीरामनवमी पर्व की तैयारियों पर विस्तृत चर्चा की गई। पुजारी त्रिभुवन पांडेय ने श्रीरामनवमी के आध्यात्मिक महत्व को समझाते हुए कहा कि यह केवल भगवान श्रीराम के जन्म उत्सव का पर्व नहीं है, बल्कि मर्यादा, त्याग और धर्म की रक्षा का संकल्प लेने का अवसर भी है। उन्होंने युवाओं को नशापान से दूर रहने और अपनी ऊर्जा सनातन धर्म की रक्षा में लगाने का संदेश दिया।
समिति के पदाधिकारियों का हुआ चयन
बैठक में गत वर्ष की पूजा समिति का अनुमोदन किया गया और नए पदाधिकारियों का सर्वसम्मति से चयन किया गया। समिति के नए पदाधिकारी इस प्रकार हैं—
- अध्यक्ष: गिरने पासवान
- सचिव: कुलदीप भुइया
- उपाध्यक्ष: नितेश सिन्हा
- सहा सचिव: दिलेश्वर यादव
- कोषाध्यक्ष: दीपक पासवान
इसके अलावा मनोज पासवान, कन्हाई पासवान, अरुण पासवान, राजेश प्रसाद, संदीप पासवान, संतोष भुइया, प्रमोद भुइया, धनंजय भुइया सहित सैकड़ों श्रद्धालु बैठक में उपस्थित रहे।
महासमिति बैठक की घोषणा
श्रीरामनवमी महोत्सव की विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के लिए महासमिति की बैठक 29 मार्च, शनिवार को दोपहर 2 बजे थाना चौक स्थित मनोकामना सिद्ध मंदिर, संत आश्रम में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में महासमिति का गठन किया जाएगा और रामनवमी के भव्य आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
न्यूज़ देखो — लातेहार में रामनवमी की तैयारियों को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह
श्रीरामनवमी पूजा समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों से यह स्पष्ट है कि इस बार रामनवमी का आयोजन और भी भव्य और संगठित होगा। श्रद्धालुओं के बीच धार्मिक उत्साह चरम पर है, और सभी लोग मिलकर सनातन संस्कृति की रक्षा और श्रीराम के आदर्शों के प्रचार-प्रसार के लिए कटिबद्ध हैं।
क्या आपको लगता है कि ऐसे धार्मिक आयोजन समाज में धर्म और संस्कृति को मजबूत करने में योगदान देते हैं?
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