हाइलाइट्स :
- बारियातू वन क्षेत्र में अवैध कटाई और तस्करी पर वन विभाग की बड़ी कार्रवाई।
- 35 सखुआ के बोटे और बल्लियां बरामद, तस्करों की पहचान हो चुकी है।
- गोनिया पंचायत के जंगलों में की गई छापेमारी, आगे भी जारी रहेगा अभियान।
- वन विभाग ने तस्करों पर कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए।
- झारखंड के जंगलों को बचाने के लिए वन विभाग का सख्त रुख।
गुप्त सूचना पर वन विभाग की बड़ी कार्रवाई
लातेहार जिले के बारियातू वन क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई और तस्करी की सूचना पर वन विभाग ने छापेमारी कर 35 सखुआ के कटे हुए बोटे बरामद किए। इस कार्रवाई को वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रवेश अग्रवाल के निर्देश पर अंजाम दिया गया।
“हमें सूचना मिली थी कि जंगल में अवैध कटाई की जा रही है। तस्करों की पहचान कर ली गई है और उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।” – फोरेस्टर मंगल सिंह
छापेमारी में बरामद हुई लकड़ियां
वन विभाग की टीम ने गोनिया पंचायत के चुंबा और गड़गोमा गांव के जंगलों में छापेमारी की। बालूमाथ रेंजर नंद कुमार मेहता के नेतृत्व में गठित टीम ने जंगल में छिपाकर रखी गई लकड़ियों को जब्त कर बारियातू वन कार्यालय भेज दिया।
तस्करों पर होगी सख्त कार्रवाई
प्रभारी फोरेस्टर मंगल सिंह ने बताया कि तस्करों की पहचान हो चुकी है और उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया जारी है। वन विभाग ने साफ कर दिया है कि जंगलों को बचाने के लिए इस तरह के अभियान लगातार चलाए जाएंगे।
“जंगल हमारे पर्यावरण की रीढ़ हैं, इन्हें नष्ट करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।” – वन विभाग अधिकारी
‘न्यूज़ देखो’ – जंगलों को बचाने की मुहिम जारी रहेगी
झारखंड के घने जंगलों में अवैध कटाई और लकड़ी तस्करी एक बड़ी समस्या बन चुकी है। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, बल्कि जंगलों पर निर्भर आदिवासी समुदायों की आजीविका भी प्रभावित होती है।
‘न्यूज़ देखो’ हर बड़ी खबर पर नजर बनाए हुए है। जंगलों के संरक्षण, वन्यजीवों की सुरक्षा और पर्यावरण से जुड़े सभी मुद्दों पर हमारी रिपोर्टिंग जारी रहेगी। वन विभाग की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि झारखंड में अवैध कटाई और तस्करी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस अभियान से जुड़ी हर नई जानकारी और अन्य महत्वपूर्ण खबरों के लिए ‘न्यूज़ देखो’ से जुड़े रहें।