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बरसात में जानलेवा बनी लातेहार-पांडेपुरा सड़क, गड्ढों में समाया विकास

#लातेहार #सड़कजर्जरहालत : लातेहार जिला मुख्यालय से पांडेपुरा तक की सड़क पर हर दिन जोखिम—बच्चे, बुजुर्ग और अधिकारी भी नहीं सुरक्षित

बरसात में बदहाली और बढ़ी

लातेहार से पांडेपुरा तक की सड़क इस समय जनता के लिए मुसीबत का कारण बन चुकी है। बारिश शुरू होते ही इस मार्ग की हालत और बिगड़ गई है। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढों में पानी भर गया है, जिससे यह रास्ता वाहन चालकों, पैदल यात्रियों और खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों के लिए जानलेवा बन चुका है। कीचड़ और जलजमाव के कारण लोग फिसल रहे हैं और दुर्घटनाएं लगातार हो रही हैं।

आवागमन के लिए बेहद जरूरी यह मार्ग

यह सड़क न सिर्फ जिला मुख्यालय को ग्रामीण इलाकों से जोड़ती है, बल्कि इसी मार्ग पर विद्यालय, अस्पताल, आंगनबाड़ी केंद्र और कई सरकारी क्वार्टर भी स्थित हैं। इस मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों छात्र-छात्राएं, आम नागरिक, अधिकारी व कर्मचारी आते-जाते हैं। लेकिन बदहाल सड़कों ने इनकी दिनचर्या को जोखिम में डाल दिया है।

जनप्रतिनिधियों की चिंता और प्रशासन से सवाल

जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव ने कहा कि यह मार्ग सैकड़ों गांवों को जोड़ता है और इसका अधूरा निर्माण कार्य अब दुर्घटनाओं का कारण बन गया है। उन्होंने बताया कि पहले निर्माण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन बीच में ही छोड़ दिया गया, जिससे अब सड़क की स्थिति और ज्यादा दयनीय हो गई है।

विनोद उरांव ने कहा: “यह मार्ग अब हादसों का अड्डा बन गया है। प्रशासन को चेतावनी दी जाती है कि समय रहते मरम्मत न करवाई गई तो इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा।”

प्रशासन की चुप्पी बनी परेशानी

स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। बारिश के समय में जब बीमारों को अस्पताल पहुंचाना हो, तो इस सड़क से गुजरना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं। ग्रामीणों ने चेताया कि अगर जल्द ही इस सड़क की मरम्मत नहीं हुई तो किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।

जनता की मांग—काम में तेजी और अधूरे हिस्सों का जल्द समाधान

लातेहार-पांडेपुरा सड़क केवल एक मार्ग नहीं, बल्कि हजारों ग्रामीणों की जीवन रेखा है। ग्रामीणों ने कहा कि यह सड़क सामाजिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य सुविधाओं से सीधे जुड़ी हुई है। मरम्मत कार्य में लापरवाही जनता के साथ अन्याय है।

स्थानीय निवासी रामनाथ यादव ने कहा: “बरसात में बच्चों को स्कूल भेजना हो या अस्पताल जाना, हर काम खतरे के साथ करना पड़ रहा है। प्रशासन को नींद से जगना होगा।”

न्यूज़ देखो: टूटी सड़क, टूटी उम्मीदें, अब चाहिए ठोस समाधान

‘न्यूज़ देखो’ लगातार ऐसे मामलों को सामने लाता रहा है जहाँ विकास योजनाएं अधूरी छोड़ दी जाती हैं और प्रशासन आंखें मूंद लेता है। यह सड़क सिर्फ एक यातायात मार्ग नहीं, हजारों नागरिकों के जीवन की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। हम मांग करते हैं कि इस मामले में शीघ्र कार्रवाई की जाए और लापरवाह ठेकेदारों व जिम्मेदार अधिकारियों पर जवाबदेही तय हो।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सजग नागरिक बनें, आवाज उठाएं

अपने क्षेत्र की समस्याओं को अनदेखा न करें। आप भी टिप्पणी करें, इस खबर को शेयर करें और प्रशासनिक जागरूकता का हिस्सा बनें। जब जनता बोलेगी, तब व्यवस्था बदलेगी।

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