
#लातेहार – शिक्षकों के व्यक्तित्व विकास पर विशेष सत्र का आयोजन
- सरस्वती विद्या मंदिर में तीन दिवसीय आचार्य कार्यशाला का शुभारंभ
- प्रभारी प्रधानाचार्य ओंकार नाथ सहाय ने दीप प्रज्वलन कर किया उद्घाटन
- महापुरुषों और देवियों की जीवनी व भारतीय संस्कृति पर चर्चा
- शिक्षकों के लिए आगामी सत्र की कार्ययोजना पर मार्गदर्शन दिया गया
- अनेक शिक्षकों ने कार्यशाला में बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
विद्या भारती के निर्देश पर आयोजित हुई कार्यशाला
लातेहार के धर्मपुर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में तीन दिवसीय आचार्य कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। विद्या भारती विद्यालय, झारखंड प्रांत के निर्देशानुसार आयोजित इस कार्यशाला का उद्घाटन प्रभारी प्रधानाचार्य ओंकार नाथ सहाय ने दीप प्रज्वलित कर किया।
विद्यालय प्रबंध समिति की उपाध्यक्ष प्रीति भारती ने उपस्थित आचार्यों और दीदियों को आगामी सत्र के लिए शिक्षण पद्धति और शैक्षणिक दिशा-निर्देशों से अवगत कराया। इस दौरान प्रधानाचार्य ने कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि—
“इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को भारतीय संस्कृति और महापुरुषों के जीवन से जोड़ना है, ताकि वे विद्यार्थियों को सशक्त मार्गदर्शन दे सकें।” – ओंकार नाथ सहाय
महापुरुषों और भारतीय संस्कृति पर हुआ गहन अध्ययन
कार्यशाला में आचार्य-दीदियों ने एकात्मता स्तोत्रं, एकता मंत्र और प्रातः स्मरण का अभ्यास किया। इस दौरान महापुरुषों और देवियों के जीवन वृत्त पर गहराई से चर्चा की गई।
शिक्षकों ने माता सीता, माता द्रौपदी, रानी लक्ष्मीबाई, अहिल्याबाई होलकर, गार्गी, मीराबाई, माता अनुसूया, संत कबीर, चाणक्य, बिरसा मुंडा, कवि कालिदास, महर्षि अरविंद, भगवान श्रीराम, चरक, स्वामी रामानंद, वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु जैसे महान विभूतियों के योगदान पर विचार-विमर्श किया।
“भारतीय संस्कृति का मूल भाव नैतिकता, त्याग और ज्ञान है, जिसे हमें अपने विद्यार्थियों में रोपित करना होगा।” – प्रीति भारती
कार्यशाला में शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी
इस ज्ञानवर्धक कार्यशाला में विद्यालय के कई शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इनमें प्रमुख रूप से शशिकांत पांडे, लाल बहादुर राम, राधेश्याम मिश्रा, सुरेश ठाकुर, रितेश रंजन गुप्ता, आलोक कुमार पांडे, धर्म प्रकाश प्रसाद, गोपाल प्रसाद, कपिल देव प्रमाणिक, राकेश सिन्हा, रविकांत पाठक, दीपक शर्मा, दीपक दास, रविंद्र पांडे, विकास कुमार, अभिषेक कुमार, आकाश कुमार, सलमान होजाई, ममता त्रिपाठी, नीलम अंबष्ट, रेनू गुप्ता, गीता कुमारी, पूनम गुप्ता, मधु कुमारी, रजनी नाग, खुशबू कुमारी, श्वेता श्रीवास्तव, रूबी सिंह, शिल्पा कुमारी, उपासना कुमारी एवं शिल्पा कुमारी शामिल रहे।
‘न्यूज़ देखो’ की नज़र – शिक्षकों के इस प्रशिक्षण से कितना बदलेगा शैक्षिक परिदृश्य?
तीन दिवसीय आचार्य कार्यशाला शिक्षकों को नई शिक्षण तकनीकों और भारतीय संस्कृति के मूल्यों से अवगत करा रही है। इससे विद्यार्थियों को नए दृष्टिकोण से शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। देखना होगा कि यह कार्यशाला आगामी सत्र में शिक्षकों की शिक्षण पद्धति में कितना सकारात्मक परिवर्तन लाती है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।