लातेहार: जनजातीय कल्याण ग्रामीण अस्पताल में फिर लौटेगी रौनक, 24 घंटे सेवा देने की तैयारी पूरी

#LATEHAR #Adivasi_Hospital #ICU_Revival – आईसीयू, कंसल्टेंट डॉक्टर, 24×7 स्वास्थ्य सेवा के साथ लातेहार के ग्रामीणों को मिलेगा फिर से एक आधुनिक अस्पताल

बदहाली से उम्मीद की ओर लौटता जनजातीय अस्पताल

लातेहार ज़िले के ग्रामीण इलाकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। कल्याण विभाग द्वारा संचालित जनजातीय कल्याण ग्रामीण अस्पताल, जो कभी कोरोना काल में जीवनरक्षक केंद्र बना था, अब फिर से पूरी क्षमता के साथ शुरू होने जा रहा है। वर्तमान में यह अस्पताल महज OPD सेवा तक सीमित है, लेकिन आने वाले दिनों में यह 24 घंटे कार्यरत आधुनिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में काम करेगा।

कोरोना काल में था संजीवनी, अब उपकरण हो रहे बेकार

पहली बार कोरोना की लहर के समय तत्कालीन डीसी अबु इमरान ने इस अस्पताल को ICU, वेंटिलेटर और अन्य अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया था। उस समय यह अस्पताल सैंकड़ों लोगों के जीवन की रक्षा में सहायक बना था। लेकिन उनके तबादले के बाद देखरेख की कमी के कारण अस्पताल की हालत दयनीय हो गई। आज अस्पताल के आधुनिक उपकरण धूल फांक रहे हैं, और केवल सामान्य बीमारियों के लिए OPD सेवा चलाई जा रही है।

ITDA निदेशक ने दी जानकारी: जल्द होगा संचालन शुरू

आईटीडीए निदेशक प्रवीण गगराई ने बताया कि विभाग की ओर से अस्पताल को फिर से पूर्ण रूप से सुविधा-संपन्न बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एक निजी संस्था के साथ AMU पर समझौता किया गया है, और शीघ्र ही उसे अस्पताल का भवन सौंपा जाएगा। संस्था को अस्पताल के सभी उपकरणों को क्रियाशील करने, चिकित्सक बहाल करने और 24 घंटे संचालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

संस्था ने जताई प्रतिबद्धता, अगले माह से सेवा संभव

संस्था के मैनेजर एक झा ने बताया कि हैंडओवर प्रक्रिया चल रही है, और संभावना है कि अगले माह से यह अस्पताल पूरी तरह फंक्शनल हो जाएगा। उन्होंने बताया कि यहाँ 5 रेगुलर डॉक्टर और 5 से अधिक कंसलटेंट डॉक्टर उपलब्ध होंगे। साथ ही भर्ती की सुविधा भी दी जाएगी ताकि गंभीर रोगियों का समुचित इलाज हो सके।

न्यूज़ देखो: उम्मीद से भरा एक नया अध्याय

न्यूज़ देखो इस सकारात्मक पहल का स्वागत करता है, जो लातेहार के ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अगर यह व्यवस्था सफल रही, तो यह मॉडल राज्य के अन्य पिछड़े क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता हैएक सक्रिय शासन व्यवस्था और सामाजिक सहभागिता से हर संसाधन उपयोगी हो सकता है—बस जरूरत है नीयत की।

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