
#लातेहार #सड़कहादसा : जिलेबिया मोड़ पर तेज रफ्तार टक्कर से मची अफरा-तफरी — 45 मिनट तक सड़क किनारे पड़े रहे घायल
- जिलेबिया मोड़ पर कार और बाइक की आमने-सामने टक्कर में तीन लोग घायल।
- सभी घायल पुरानी डबरी, थाना सरजू क्षेत्र के निवासी।
- लालेश्वर उरांव और जयंती कुमारी को आई गंभीर चोटें।
- छिपादोहर स्वास्थ्य केंद्र में एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने से 45 मिनट की देरी।
- पुलिस मौके पर पहुंची, दोनों वाहन जब्त कर शुरू की जांच।
हादसा: जिलेबिया मोड़ पर आमने-सामने भिड़ीं कार और बाइक
लातेहार जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र में एक तेज रफ्तार कार और बाइक के बीच जोरदार टक्कर हो गई। हादसा छिपादोहर-जुरुहार मार्ग के प्रसिद्ध जिलेबिया मोड़ के पास उस वक्त हुआ, जब बाइक सवार तीन लोग अपने रिश्तेदार के घर से सरजू पुरानी डबरी लौट रहे थे।
टक्कर में 32 वर्षीय लालेश्वर उरांव, 12 वर्षीय जयंती कुमारी और 40 वर्षीय पनप्तीया देवी गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी पुरानी डबरी खैरही टोला, पंचायत चोरहा, थाना सरजू टीओपी, जिला लातेहार के निवासी हैं।
घायलों की स्थिति और प्राथमिक उपचार
हादसे में सबसे अधिक चोट लालेश्वर उरांव और जयंती कुमारी को लगी है। दोनों के पैरों में गंभीर फ्रैक्चर होने की जानकारी मिली है। पनप्तीया देवी को भी हल्की चोटें आई हैं। दुर्घटना के तुरंत बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय लोगों ने घायलों को सड़क किनारे सुरक्षित किया।
45 मिनट तक नहीं पहुंची एंबुलेंस, सवालों के घेरे में स्वास्थ्य व्यवस्था
स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना तुरंत छिपादोहर थाना को दी। थाना प्रभारी धीरज कुमार सिंह के निर्देश पर एएसआई राजेश कुमार और आनंत कुमार दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे।
हालांकि, छिपादोहर स्वास्थ्य केंद्र में एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के कारण 45 मिनट तक घायल सड़क पर पड़े रहे। इस दौरान स्थानीय लोग लगातार कॉल करते रहे, लेकिन एंबुलेंस के अभाव ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी। अंततः एक वैकल्पिक व्यवस्था कर बरवाडीह अस्पताल भेजा गया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
पुलिस ने दोनों वाहनों — मारुति सुजुकी बरेजा (JH01GD9631) और बाइक (JH19F2117) को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, दोनों वाहनों की तेज रफ्तार और सड़क की तीखी मोड़ होने के कारण हादसा हुआ।
पुलिस ने वाहन चालकों के दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। घायलों के परिजन भी अस्पताल में मौजूद हैं और पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं।

न्यूज़ देखो: एंबुलेंस देरी पर उठे गंभीर सवाल
इस सड़क हादसे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी असुरक्षित और धीमी है। छिपादोहर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में एंबुलेंस की अनुपलब्धता न केवल घायलों के लिए घातक हो सकती है, बल्कि पूरे तंत्र की विफलता को भी उजागर करती है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे क्षेत्रों में आपातकालीन सेवाओं की सुलभता और तत्परता सुनिश्चित करे।
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ऐसी घटनाओं से हमें यह सीख मिलती है कि सड़क सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं की मजबूती केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सबकी साझी जिम्मेदारी है। अपनी प्रतिक्रिया नीचे कॉमेंट में दें, इस खबर को शेयर करें और अपने जानने वालों तक ज़रूर पहुँचाएं — ताकि ऐसी लापरवाही फिर न हो।