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सिमडेगा में ‘जीवन परियोजना’ का शुभारंभ, बच्चों के पोषण सुधार की दिशा में नई पहल

#सिमडेगा #बच्चोंकेपोषण : महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त पहल से जिले में कुपोषण नियंत्रण हेतु ‘जीवन परियोजना’ का उद्घाटन

सिमडेगा। जिले में बच्चों के बेहतर पोषण और कुपोषण कम करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त पहल से अनुमोदित ‘जीवन परियोजना’ का औपचारिक शुभारंभ सिमडेगा समाहरणालय सभागार में किया गया। जिला उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिकाएं और अन्य कर्मी उपस्थित रहे।

जीवन परियोजना का उद्देश्य और महत्व

जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती सुरज मुनी कुमारी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि जीवन परियोजना का मुख्य उद्देश्य समाज कल्याण अंतर्गत संचालित कार्यों को आवश्यक सहयोग प्रदान करना और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना है। परियोजना विशेष रूप से भोजन की गुणवत्ता, मात्रा और विविधता पर ध्यान केंद्रित करेगी।

श्रीमती सुरज मुनी कुमारी ने कहा: “विभागीय समन्वय और सामुदायिक सहभागिता ही इस परियोजना की सफलता की कुंजी होगी।”

परियोजना पोषण अभियान 2.0, आंगनबाड़ी सेवाओं (ICDS) और अन्य गतिविधियों की प्रगति को पोषण ट्रैकर में अद्यतन करने के लिए तकनीकी सहयोग भी प्रदान करेगी।

जिला उपायुक्त का संदेश

जिला उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों का संपूर्ण विकास उनके बेहतर पोषण पर निर्भर करता है। उन्होंने सभी सरकारी विभागों और समाजसेवी संस्थाओं से आह्वान किया कि वे आपसी समन्वय के साथ काम करें।

श्रीमती कंचन सिंह ने कहा: “कुपोषण केवल आर्थिक स्थिति से नहीं जुड़ा है, कई बार जानकारी और आहार संबंधी व्यवहार की कमी के कारण भी बच्चे उचित पोषण से वंचित रहते हैं। हमें पूरी कम्युनिटी को जागरूक करना होगा कि कैसे वे अपने भोजन में पोषणयुक्त आहार शामिल करें।”

उन्होंने पोषण अभियान के तहत संचालित कार्यों की सही और समयबद्ध डेटा एंट्री सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया और संबंधित अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करने के निर्देश दिए।

कार्यक्रम में सहभागिता

राज्य स्तर से श्रीमती तन्वी झा और श्रीमती अनिता सिन्हा उपस्थित रहीं। इसके अतिरिक्त डीपीएम जेएसएलपीएस श्रीमती शांति मार्डी और अन्य पदाधिकारीगण ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। परियोजना की क्रियान्वयन संस्था चाइल्ड इन नीड इंस्टीट्यूट (CINI) ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।

इस पहल के माध्यम से जिले में कुपोषण दर में कमी लाने और बच्चों के स्वस्थ भविष्य निर्माण की दिशा में एक नया अध्याय जुड़ने की उम्मीद जताई गई है।

न्यूज़ देखो: सिमडेगा में बच्चों के पोषण सुधार की दिशा में महत्वाकांक्षी कदम

यह पहल दर्शाती है कि बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए सरकारी विभाग और सामुदायिक संस्थाओं का समन्वय आवश्यक है। ‘जीवन परियोजना’ न केवल कुपोषण को कम करने में मदद करेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर पोषण जागरूकता भी बढ़ाएगी। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सक्रिय नागरिकता और बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए प्रेरणा

हम सभी को बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए। परिवार, समुदाय और स्कूलों में पोषण संबंधी जानकारी साझा करें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और बच्चों के सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य के निर्माण में योगदान दें।

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