
#गढ़वा #महिला_सशक्तिकरण : पंचायत में बढ़ेगी महिला नेतृत्व की भागीदारी — लोकतांत्रिक प्रक्रिया में आत्मविश्वास से जुड़ेंगी नेत्रियां
- 18 जुलाई को समाहरणालय सभागार में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ।
- उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने महिला नेतृत्व को बताया पंचायत विकास की रीढ़।
- सभी निर्वाचित महिला मुखियाओं को 24 जुलाई से पलामू में मिलेगा विशेष प्रशिक्षण।
- पंचायतों में पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन के लिए दिया गया व्यवहारिक प्रशिक्षण।
- कार्यशाला में जिला परिषद अध्यक्ष, पंचायती राज पदाधिकारी, समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी रहे शामिल।
नेतृत्व क्षमता बढ़ाने की दिशा में जिला प्रशासन की पहल
गढ़वा समाहरणालय सभागार में 18 जुलाई 2025 को आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला में सैकड़ों महिला पंचायत प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का आयोजन ‘Revamped RGSA योजना’ के तहत ‘सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान’ के अंतर्गत किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य था — पंचायत स्तर पर महिला प्रतिनिधियों को नेतृत्व में सक्षम बनाना।
कार्यशाला का उद्घाटन उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री दिनेश कुमार यादव, जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती शांति देवी, पंचायती राज पदाधिकारी श्री प्रमेश कुशवाहा, जिला कल्याण पदाधिकारी धीरज प्रकाश तथा अन्य गणमान्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया।
महिला नेतृत्व को दी जाएगी नई ऊंचाई
उपायुक्त श्री दिनेश कुमार यादव ने कहा:
“पंचायती व्यवस्था में महिलाओं की वास्तविक भागीदारी तभी संभव है जब वे निर्णय लेने की प्रक्रिया में आत्मविश्वास से जुड़ें। यह प्रशिक्षण उन्हें उस भूमिका के लिए तैयार करता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि 24 जुलाई से पलामू में सभी महिला मुखियाओं को प्रखंडवार प्रशिक्षित किया जाएगा, जहां उन्हें योजनाओं के संचालन, फंड के समुचित उपयोग और स्थानीय विकास की रणनीतियों पर मार्गदर्शन मिलेगा।
उन्होंने जोर दिया कि महिला प्रतिनिधियों को सिर्फ नाम मात्र नहीं, बल्कि नीतिगत फैसलों में भागीदार बनाना वक्त की ज़रूरत है, जिससे स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, जल और स्वच्छता जैसे विषयों पर प्रभावी क्रियान्वयन हो सके।
व्यवहारिक प्रशिक्षण से मिलेगा शासन में आत्मविश्वास
पंचायती राज पदाधिकारी श्री प्रमेश कुशवाहा ने कहा:
“अब समय आ गया है कि महिला प्रतिनिधि न केवल योजनाओं की जानकारी रखें, बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर उतारने की योजना भी बनाएं। पलामू में होने वाले प्रशिक्षण में रेवेन्यू निर्माण और फंड उपयोग की व्यवहारिक जानकारी दी जाएगी।”
उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों में महिलाओं की राजनीतिक और सामाजिक भागीदारी में वृद्धि हुई है, और यह अभियान उस प्रवृत्ति को एक स्थायी दिशा देगा।
प्रतिनिधियों ने विषयों को गहराई से समझा
कार्यशाला में उपस्थित सभी प्रखंड प्रमुख, महिला मुखिया, और अन्य प्रतिनिधियों ने प्रशिक्षण के विभिन्न पहलुओं को गंभीरता से समझा और यह संकल्प लिया कि वे अपने पंचायत क्षेत्र में जन भागीदारी, पारदर्शिता और विकास आधारित कार्यशैली को प्राथमिकता देंगे।
उपायुक्त ने इस मौके पर जिले में चल रही योजनाओं की भी जानकारी साझा की और उपस्थित प्रतिनिधियों से अपील की कि वे अपने अधिकारों को समझते हुए योजनाओं के प्रचार-प्रसार में योगदान दें।



न्यूज़ देखो: पंचायत व्यवस्था में महिलाओं की निर्णायक भूमिका की ओर बढ़ता झारखंड
न्यूज़ देखो मानता है कि इस प्रकार की कार्यशालाएं महिला प्रतिनिधियों को केवल सूचना नहीं, बल्कि लोकतंत्र में निर्णायक भागीदारी का अवसर देती हैं। यह अभियान झारखंड की पंचायत प्रणाली को समावेशी, उत्तरदायी और सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। गढ़वा प्रशासन द्वारा किए गए इस प्रयास से स्पष्ट होता है कि नीतियों को ज़मीन से जोड़ने का रास्ता महिला नेतृत्व से होकर जाता है।
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