
#पालकोट #विधिक_जागरूकता : जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने ग्रामीणों को कानून की जानकारी देकर सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया।
गुमला जिले के पालकोट प्रखंड अंतर्गत हांसदोन गांव में बाल विवाह और डायन प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ विधिक जागरूकता अभियान चलाया गया। यह कार्यक्रम नालसा और झालसा के दिशा-निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार गुमला द्वारा आयोजित किया गया। अभियान का उद्देश्य ग्रामीणों को कानून की जानकारी देकर अपराधों की रोकथाम करना रहा। कार्यक्रम से ग्रामीणों में कानूनी अधिकारों के प्रति समझ बढ़ी।
- हांसदोन गांव में जिला विधिक सेवा प्राधिकार का जागरूकता अभियान।
- बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की दी गई जानकारी।
- डायन प्रथा को बताया गया दंडनीय अपराध।
- पीएलवी राजू साहू ने किया ग्रामीणों को संबोधित।
- निःशुल्क कानूनी सहायता की जानकारी साझा।
- ग्रामीणों में कानूनी समझ और जागरूकता बढ़ी।
गुमला जिले के पालकोट प्रखंड की बाघिमा पंचायत अंतर्गत हांसदोन ग्राम में शुक्रवार को विधिक जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम नालसा नई दिल्ली एवं झालसा रांची के दिशा-निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गुमला द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण समाज में व्याप्त बाल विवाह और डायन प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों के प्रति जागरूकता फैलाना और लोगों को उनके कानूनी अधिकारों से अवगत कराना रहा।
विधिक सेवा प्राधिकार के मार्गदर्शन में आयोजन
यह जागरूकता अभियान जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गुमला के अध्यक्ष श्री ध्रुव चंद्र मिश्रा एवं सचिव श्री रामकुमार लाल गुप्ता के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों को कानून की बुनियादी जानकारी सरल भाषा में दी गई, ताकि वे अपने अधिकारों को समझ सकें और किसी भी प्रकार के शोषण या अपराध के विरुद्ध आवाज उठा सकें।
बाल विवाह पर सख्त कानून की जानकारी
कार्यक्रम में उपस्थित पीएलवी राजू साहू ने ग्रामीणों को बाल विवाह के दुष्परिणामों और इसके खिलाफ बने कानून की जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि:
राजू साहू ने कहा: “बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह कराना गंभीर अपराध है, जिसमें दोषी पाए जाने पर दो वर्ष तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।”
उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने बच्चों का विवाह कानून द्वारा निर्धारित उम्र से पहले न करें और ऐसी किसी भी घटना की जानकारी प्रशासन या विधिक सेवा प्राधिकार को दें।
डायन प्रथा को बताया सामाजिक अपराध
अभियान के दौरान डायन प्रथा पर भी विशेष चर्चा की गई। इसे अंधविश्वास पर आधारित अमानवीय कुप्रथा बताते हुए कहा गया कि महिलाओं पर जादू-टोना या अनिष्ट करने का आरोप लगाकर प्रताड़ित करना कानूनन अपराध है।
ग्रामीणों को बताया गया कि इस तरह के मामलों में दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है और पीड़ित महिलाओं को कानूनी संरक्षण एवं सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
निःशुल्क कानूनी सहायता की जानकारी
कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गुमला द्वारा दी जाने वाली निःशुल्क कानूनी सहायता की जानकारी भी दी गई। ग्रामीणों को बताया गया कि आर्थिक रूप से कमजोर, महिलाएं, बच्चे, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोग बिना किसी शुल्क के कानूनी सलाह और सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इससे न्याय तक उनकी पहुंच सुनिश्चित की जा सकेगी।
ग्रामीणों की सहभागिता और सकारात्मक प्रतिक्रिया
जागरूकता अभियान में बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भागीदारी देखने को मिली। लोगों ने सवाल पूछे और अपनी समस्याएं साझा कीं। कार्यक्रम के बाद ग्रामीणों में यह संदेश गया कि कानून उनके साथ है और वे सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ खड़े हो सकते हैं।
सामाजिक बदलाव की दिशा में प्रयास
इस अभियान के माध्यम से यह स्पष्ट हुआ कि बाल विवाह और डायन प्रथा जैसी कुरीतियों को जड़ से खत्म करने के लिए कानूनी जानकारी और सामूहिक जागरूकता बेहद जरूरी है। विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा किए जा रहे ऐसे प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहे हैं।
न्यूज़ देखो: कानून से ही बदलेगी समाज की सोच
हांसदोन गांव में चला यह अभियान दिखाता है कि कानून केवल किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने का मजबूत माध्यम भी है। बाल विवाह और डायन प्रथा जैसी कुरीतियों के खिलाफ कानूनी चेतना ही सबसे प्रभावी हथियार है। जरूरत है ऐसे अभियानों की निरंतरता और ग्रामीणों की सक्रिय सहभागिता की। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जागरूक समाज से ही बनेगा सुरक्षित भविष्य
सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई तभी सफल होगी, जब हर नागरिक कानून को समझे और उसका साथ दे।
अपने गांव और समाज में गलत प्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाएं और जरूरतमंदों को कानूनी मदद तक पहुंचने में सहयोग करें।
इस खबर पर अपनी राय साझा करें, इसे आगे बढ़ाएं और जागरूकता की इस मुहिम का हिस्सा बनें।





