
#महुआडांड़ #एड्स_जागरूकता : विद्यालय में छात्रों को एचआईवी संक्रमण, रोकथाम और कानूनी सहायता संबंधी विस्तृत जानकारी दी गई
- विश्व एड्स दिवस पर महुआडांड़ में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित।
- उत्क्रमित +2 उच्च विद्यालय बाँसकरचा में छात्रों को विस्तृत जानकारी दी गई।
- कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लातेहार के निर्देश पर हुआ।
- पीएलवी इंद्रनाथ प्रसाद ने एचआईवी–एड्स के लक्षण, कारण और रोकथाम समझाई।
- विद्यालय की प्रभारी प्राचार्या ललिता कुमारी सहित कई शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित।
महुआडांड़ प्रखंड के बाँसकरचा स्थित उत्क्रमित (+2) उच्च विद्यालय में शनिवार को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, लातेहार के सचिव शिवम चौरसिया के निर्देश पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और ग्रामीणों को एचआईवी–एड्स से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना, संक्रमण के तरीकों, रोकथाम और कानूनी सहायता के बारे में जानकारी देना था।
छात्रों को बताया गया—कैसे फैलता है एचआईवी वायरस
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पीएलवी इंद्रनाथ प्रसाद ने सरल भाषा में बताया कि एड्स एक गंभीर और अभी तक लाइलाज बीमारी है, जो एचआईवी वायरस से फैलती है। यह वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है, जिससे पीड़ित व्यक्ति सामान्य बीमारियों से भी लड़ नहीं पाता।
उन्होंने विद्यार्थियों को विस्तार से बताया कि संक्रमण मुख्य रूप से
- संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध,
- संक्रमित रक्त चढ़ाने,
- संक्रमित सुई या ब्लेड के उपयोग,
- तथा गर्भवती संक्रमित मां से नवजात शिशु में
फैल सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि बार-बार बुखार आना, ठंड लगना, रात में पसीना आना, वजन कम होना, लिम्फ नोड्स का सूजना इसके प्रमुख लक्षण हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए नियमित जांच, सुरक्षित आदतें और डॉक्टर की सलाह बेहद जरूरी है।
कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं और छात्रों की भागीदारी
इस अवसर पर विद्यालय की प्रभारी प्राचार्या ललिता कुमारी, श्रीमती देवासिश लकड़ा, श्री प्रीतम तिर्की, श्री सेलेस्टीन लकड़ा, श्रीमती सुषमा मिंज, श्री सिलाष टोप्पो, श्री मिल्यानुष टोप्पो, श्री अशोक कुमार सैनी, और श्रीमती मीनू कुमारी कुजूर सहित कई शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।
छात्र-छात्राओं ने उत्सुकता के साथ प्रश्न पूछे और एचआईवी–एड्स की रोकथाम के तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम के अंत में सभी ने इस बीमारी के प्रति समाज को जागरूक करने का संकल्प लिया।

न्यूज़ देखो: जागरूकता ही संक्रमण रोकने का सबसे बड़ा उपाय
महुआडांड़ में आयोजित यह कार्यक्रम बताता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिक्षा और कानूनी जागरूकता कितनी आवश्यक है। एचआईवी–एड्स से संबंधित मिथकों और भय को दूर करने के लिए ऐसे कार्यक्रम निरंतर आयोजित किए जाने चाहिए, ताकि लोग सुरक्षित आदतें अपनाकर अपने और समाज के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकें।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जागरूक बनें, सुरक्षित रहें
एड्स से लड़ाई जागरूकता, सावधानी और वैज्ञानिक जानकारी से ही जीती जा सकती है।
अपने आसपास के युवाओं, छात्रों और परिवारों को सुरक्षित व्यवहार, नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करें।
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