- छात्रों ने रातभर किया प्रदर्शन, मेस संचालक बदलने की मांग।
- खराब गुणवत्ता वाले खाने से बीमार हो रहे छात्र, एनीमिया और पेट की समस्याएं बढ़ीं।
- चार हजार की मेस फीस के बावजूद खाने की गुणवत्ता में सुधार नहीं।
- प्रिंसिपल ने आश्वासन दिया, लेकिन छात्रों ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी।
मेस के खाने को लेकर भड़के छात्र
पलामू के लेस्लीगंज स्थित सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में गुरुवार रात छात्रों ने मेस के खराब खाने के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन रात 8 बजे से 12 बजे तक चला, जिसमें छात्रों ने मेस संचालक को बदलने और खाने की गुणवत्ता सुधारने की मांग की।
‘मजबूरी में मैगी और बिस्किट खाना पड़ता है’
छात्रों का कहना है कि “हॉस्टल में मिलने वाला खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। कई छात्र एनीमिया और पेट संबंधी बीमारियों से जूझ रहे हैं। हम मेस की पूरी फीस देने के बावजूद मजबूरी में मैगी और बिस्किट पर निर्भर हैं।”
“हमने मेस में बनने वाली खराब पूड़ी का वीडियो शेयर किया है, जिसमें तेल से भरी और सुखी पूड़ियां दिख रही हैं।”
कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी
आक्रोशित छात्रों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और मेस संचालन में लापरवाही का आरोप लगाया। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन छात्र मेस ठेकेदार को हटाने की मांग पर अड़े रहे।
‘फीस बढ़ी लेकिन खाना पहले से भी खराब’
छात्रों ने बताया कि मेस चार्ज 4,000 रुपये होने के बावजूद खाने की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ। एक छात्रा ने कहा कि “महज दो महीनों में खराब खाने की वजह से मुझे एनीमिया हो गया।”
“छुट्टी में घर जाने के बावजूद हमसे पूरी मेस फीस वसूली जाती है।”

प्रिंसिपल के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त
कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. संजय कुमार सिंह ने छात्रों को बेहतर भोजन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।
“कॉलेज खुलने के बाद विद्यार्थियों के लिए मेस जरूरी था। खाने की क्वालिटी सुधारने के लिए कदम उठाए जाएंगे। छात्रों ने अपनी मांगें रखी हैं, जिन पर विचार किया जाएगा।”
– डॉ. संजय कुमार सिंह, प्रिंसिपल
‘न्यूज़ देखो’ की नज़र:
- क्या प्रशासन छात्रों की मांगों को पूरा करेगा?
- मेस संचालन में सुधार नहीं हुआ तो छात्र आगे क्या कदम उठाएंगे?
- क्या वाकई मेस ठेकेदार को हटाया जाएगा?
‘न्यूज़ देखो’ इस मुद्दे की हर अपडेट पर नजर बनाए रखेगा।