
#गढ़वा #सामाजिक_पहल : कॉफी विद एसडीएम कार्यक्रम में वस्त्र व्यवसायियों संग बैठक में जरूरतमंदों हेतु गर्म कपड़े उपलब्ध कराने का सामूहिक निर्णय
- कॉफी विद एसडीएम की 50वीं कड़ी पर विशेष संवाद कार्यक्रम आयोजित।
- सामूहिक मुहिम आईए खुशियाँ बाँटें की शुरुआत करने पर सहमति।
- पहले ही दिन 5000 से अधिक गर्म कपड़े उपलब्ध कराने की घोषणा।
- कई प्रतिष्ठित वस्त्र व्यवसायियों ने स्वैच्छिक सहयोग की पेशकश की।
- कमलेश अग्रवाल और रवि केसरी को जरूरतमंदों की सेवा हेतु सम्मानित किया गया।
गढ़वा में रविवार को सदर एसडीएम संजय कुमार के साप्ताहिक संवाद कार्यक्रम कॉफी विद एसडीएम की 50वीं कड़ी पर एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें अनुमंडल क्षेत्र के चुनिंदा थोक वस्त्र व्यवसायियों को आमंत्रित किया गया था। इस दौरान प्रशासन और समाज की सहभागिता से नई मुहिम आईए खुशियाँ बाँटें शुरू करने का निर्णय लिया गया, जिसके पहले चरण में जरूरतमंदों के बीच गर्म कपड़े पहुँचाने का संकल्प लिया गया। बैठक में मौजूद व्यवसायियों ने इस जनकल्याणकारी पहल का समर्थन किया और उसी समय बड़ी संख्या में गर्म कपड़े उपलब्ध कराने की घोषणा कर दी।
कॉफी विद एसडीएम के विशेष आयोजन में नई मुहिम की शुरुआत
इस विशेष संवाद कार्यक्रम की शुरुआत एसडीएम संजय कुमार ने की। उन्होंने कार्यक्रम को सामाजिक जुड़ाव का अनोखा मंच बताते हुए कहा कि समाज प्रशासन से कहीं बड़ा और प्रभावी संगठन है। प्रशासन योजनाओं को धरातल पर उतारता है, लेकिन जब समाज के सक्षम वर्ग साथ आते हैं, तब परिणाम कई गुना सकारात्मक होते हैं।
उन्होंने कहा कि इस मुहिम के माध्यम से जरूरतमंद परिवारों तक सिर्फ कपड़े ही नहीं बल्कि विनम्रता, संवेदना और सहयोग का हाथ पहुँचाया जाएगा।
वस्त्र व्यवसायियों की स्वैच्छिक भागीदारी
गढ़वा के थोक वस्त्र व्यवसायियों और वस्त्र विक्रेता संघ के सदस्यों ने एसडीएम के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए गर्म कपड़े उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी अपने स्तर से लेने का संकल्प व्यक्त किया।
सभी प्रतिनिधियों ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार योगदान देने की घोषणा की, जिससे कार्यक्रम का उद्देश्य और भी मजबूत हुआ।
पहले ही दिन 5000 से अधिक गर्म कपड़ों की व्यवस्था
कार्यक्रम में एक प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला जब गढ़वा शहर के प्रतिष्ठित दुकानों और प्रतिष्ठानों ने गर्म वस्त्रों की सूची उपलब्ध कराई।
इनमें प्रमुख हैं—
बाबा कमलेश, राजघराना, साबिर गारमेंट्स, एनके वस्त्रालय, गोल्डन ड्रेसेज, माही हैंडलूम, शुभम ड्रेसेज, अजंता हैंडलूम, श्याम फैशन, सलीम साड़ी सेंटर, उत्तम कमलापुरी।
इन सभी ने मिलकर पहले ही दिन 5000 से अधिक गर्म कपड़ों की व्यवस्था कर दी, जो इस मुहिम की व्यापक स्वीकृति और सामाजिक संवेदना का प्रतीक है।
समाज की ताकत पर एसडीएम का संदेश
बैठक में एसडीएम ने कहा कि—
संजय कुमार ने कहा: “समाज हमेशा प्रशासन से बड़ा होता है। यदि सक्षम लोग अपने आसपास के जरूरतमंदों की मदद के लिए हाथ बढ़ाएं तो परिणाम और भी सुंदर हो सकते हैं।”
एसडीएम ने स्पष्ट किया कि यह अभियान केवल कपड़ों के वितरण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जरूरतमंदों की हर कठिनाई में मदद कर उन्हें सुरक्षा, सम्मान और खुशी देने की दिशा में कार्य करेगा।
नागरिकों और संगठनों ने रखा अपने सुझाव
बैठक में उपस्थित नागरिकों और वस्त्र विक्रेताओं ने भी सुझाव साझा किए।
इनमें कमलेश अग्रवाल, रवि केसरी, साबिर अंसारी, अविनाश केसरी, वसीम अकरम, यशराज, सूजल कुमार, गोविंद केसरी, अजय कुमार, उत्तम कुमार, इकबाल आलम शामिल थे।
कई सदस्यों ने मोहल्ले, बाज़ार और पंचायत स्तर पर वस्त्र संग्रह अभियान चलाने का प्रस्ताव भी रखा, जिससे मुहिम को जमीनी स्तर पर और विस्तार मिल सके।
सहयोग भावना को सम्मान
लगातार सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहने हेतु एसडीएम संजय कुमार ने बाबा कमलेश प्रतिष्ठान के कमलेश अग्रवाल और राजघराना के रवि केसरी को अंगवस्त्र और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
उनके प्रति यह सम्मान सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति समर्पण की स्वीकृति थी।
मुहिम की दिशा और आने वाले कदम
एसडीएम ने सभी उपस्थित सदस्यों का आभार जताते हुए कहा कि आने वाले दिनों में गढ़वा के कई गरीब और जरूरतमंद परिवारों तक इस पहल के माध्यम से सर्दियों में गर्माहट और संवेदना पहुंचाई जाएगी।
उन्होंने उम्मीद जताई कि यह अभियान एक स्थायी सामाजिक आंदोलन का रूप ले सकता है।



न्यूज़ देखो: प्रशासन और समाज की साझेदारी का उत्कृष्ट मॉडल
आईए खुशियाँ बाँटें मुहिम गढ़वा में सामाजिक प्रशासनिक भागीदारी का एक सशक्त उदाहरण बनती जा रही है। इससे स्पष्ट है कि जब प्रशासन प्रेरक भूमिका निभाता है और समाज दिल खोलकर साथ देता है, तब जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाना सरल और प्रभावी हो जाता है। यह पहल स्थानीय स्तर पर सामाजिक जागरूकता और सहयोग की भावना को नई दिशा देती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
एक साथ मिलकर बदलेंगे किसी की जिंदगी की ठंडक को गर्माहट में
गढ़वा में शुरू हुई यह मुहिम साबित करती है कि छोटी-छोटी कोशिशें मिलकर बड़ी खुशियाँ जन्म देती हैं। यदि हर नागरिक एक कपड़ा, एक मदद या एक प्रयास भी कर दे, तो अनगिनत परिवारों की सर्द रातों में रोशनी और राहत पहुंच सकती है।
अब बारी आपकी है—कदम आगे बढ़ाएं, किसी जरूरतमंद की जिंदगी में गर्मी और मुस्कान का उजाला लाएं।
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