- ग्रामीणों ने शिक्षकों की लापरवाही के कारण विद्यालय में जड़ा था ताला।
- प्रखंड 20 सूत्री अध्यक्ष और झामुमो प्रखंड अध्यक्ष ने किया था निरीक्षण।
- विभागीय आदेश के बाद 24 घंटे में बच्चों के बीच चावल और राशि वितरण का निर्देश।
- वितरण न होने तक शिक्षकों का मानदेय स्थगित करने का फैसला।
विद्यालय में शिक्षकों की लापरवाही पर ग्रामीणों का गुस्सा
तिसरी प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय लेवड़िया में ग्रामीणों द्वारा लगाया गया ताला अब खुल गया है। सोमवार से विद्यालय में शिक्षकों ने फिर से पठन-पाठन का कार्य शुरू कर दिया। ग्रामीणों का आरोप था कि विद्यालय के दोनों शिक्षक बच्चों को पढ़ाते नहीं हैं, जिससे नाराज होकर उन्होंने विद्यालय में ताला जड़ दिया था।
प्रखंड अधिकारियों का हस्तक्षेप
मामले की जानकारी मिलने के बाद प्रखंड 20 सूत्री अध्यक्ष मो. मुन्नीबुद्दीन और झामुमो प्रखंड अध्यक्ष रिंकू बरनवाल ने 10 फरवरी को विद्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय बंद पाया गया और ग्रामीणों ने शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद दोनों नेताओं ने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से इस मामले पर बातचीत की।
विभागीय आदेश और कार्रवाई
समृद्ध समाचार में यह खबर प्रमुखता से प्रसारित होने के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया। 17 फरवरी को प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी तिसरी के कार्यालय से आदेश जारी किया गया, जिसमें 24 घंटे के भीतर बच्चों के बीच बंद अवधि के प्रतिपूर्ति भत्ता चावल और राशि के वितरण का निर्देश दिया गया।
आदेश के अनुसार:
- प्रत्येक बच्चे को 7 दिनों के मध्याह्न भोजन की प्रतिपूर्ति के रूप में 700 ग्राम चावल और 47 रुपए 33 पैसे दिए जाएंगे।
- वितरण न होने तक विद्यालय के दोनों शिक्षकों का मानदेय स्थगित रहेगा।
पढ़ाई का नुकसान, कोई जवाब नहीं
हालांकि विभाग ने 7 दिनों के बंद मध्याह्न भोजन का हिसाब लगाकर प्रतिपूर्ति की व्यवस्था कर दी, लेकिन इन 7 दिनों के दौरान हुई पढ़ाई के नुकसान का कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है।
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