#गुमला #बालूउठावप्रतिबंध : 10 जून से 15 अक्टूबर तक रहेगा प्रतिबंध — नदियों की सेहत और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने की दिशा में प्रशासन की सख्त पहल
- 10 जून से 15 अक्टूबर तक रहेगा बालू उठाव पर पूर्ण प्रतिबंध
- उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने आदेश जारी कर दिया सख्त निर्देश
- राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के निर्देशों के अनुपालन में लिया गया निर्णय
- सभी अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी को कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश
- जिलेवासियों से अपील – पर्यावरण संरक्षण में प्रशासन का करें सहयोग
मानसून सत्र में उठाया गया सख्त कदम
गुमला जिला प्रशासन ने मानसून सत्र के दौरान जिले के सभी बालू घाटों से बालू उठाव पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्रीमती प्रेरणा दीक्षित ने यह निर्देश जारी करते हुए कहा है कि पर्यावरण संरक्षण और नदियों के प्रवाह को सुरक्षित रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।
कानून और पर्यावरणीय निर्देशों का पालन
यह आदेश पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रकाशित वर्ष 2016 के तालिका-09 तथा भारतीय मौसम विभाग, नागपुर के पत्र के आधार पर जारी किया गया है। इसके अनुसार झारखंड में मानसून सत्र 10 जून से 15 अक्टूबर तक माना गया है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT), कोलकाता द्वारा वर्ष 2016 में पारित आदेश में स्पष्ट किया गया था कि “During Monsoon Period Mining should not be permitted in Rivers/Streams particularly.” उसी आदेश के आलोक में यह सख्त कार्रवाई की गई है।
जिले के सभी बालू घाटों पर रहेगा प्रतिबंध
गुमला जिले के कोटि 1 और कोटि 2 के सभी बालू घाटों से बालू उठाव पर दिनांक 10.06.2025 से 15.10.2025 तक पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। उपायुक्त ने निर्देश दिया है कि जिले के सभी अंचलाधिकारी, थाना प्रभारी एवं प्रवर्तन एजेंसियां इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। किसी भी स्थिति में अवैध बालू उठाव या परिवहन की अनुमति नहीं दी जाएगी और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
“प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। मानसून में बालू उठाव न केवल नदी पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि आपदा की संभावनाएं भी बढ़ाता है,” — उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित
सहयोग की अपील
उपायुक्त महोदया ने जिलेवासियों, वाहन चालकों एवं बालू घाट संचालकों से अपील की है कि वे इस आदेश का पूर्णतः पालन करें और प्रशासन को पर्यावरण संरक्षण में सहयोग दें। यह पहल सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि नैतिक जिम्मेदारी के तहत भी लिया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
न्यूज़ देखो: प्रशासनिक संकल्प, पर्यावरण हित में फैसला
गुमला जिले का यह आदेश केवल एक औपचारिक निर्देश नहीं, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की दिशा में लिया गया ठोस निर्णय है। प्रशासन का यह संदेश स्पष्ट है कि विकास और प्रकृति में संतुलन बनाना अब केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है।
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हर नागरिक की ज़िम्मेदारी
मानसून में बालू उठाव पर प्रतिबंध नदी जीवन चक्र को बनाए रखने की दिशा में अहम कदम है। आइए, हम सभी मिलकर इस प्रयास में प्रशासन का सहयोग करें और आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित पर्यावरण का निर्माण करें।