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महुआडांड़ में हल्की बारिश से 6 घंटे तक बिजली गुल, अंधेरे में डूबा पूरा इलाका — विभाग की लापरवाही पर भड़के लोग

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#महुआडांड़ #बिजली_विभाग : मामूली बारिश में ठप हुई बिजली आपूर्ति – छह घंटे तक अंधेरे में रहा पूरा इलाका
  • महुआडांड़ (लातेहार) में बुधवार की हल्की बारिश से छह घंटे तक बिजली आपूर्ति ठप रही।
  • पूरा इलाका अंधेरे में डूबा, बच्चों की पढ़ाई और मोबाइल चार्जिंग प्रभावित।
  • ग्रामीणों ने बिजली विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जताई।
  • हर बार तकनीकी खराबी और लाइन ट्रिपिंग का बहाना बनाकर बचता विभाग।
  • लोगों ने स्थायी समाधान की मांग करते हुए कहा – अब सब्र का बांध टूट चुका है।

महुआडांड़ (लातेहार)। बुधवार शाम की हल्की बारिश ने एक बार फिर बिजली विभाग की पोल खोल दी। मामूली फुहार पड़ते ही पूरे क्षेत्र में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। छह घंटे बीत जाने के बाद भी बिजली बहाल नहीं की गई, जिससे पूरे इलाके में अंधेरा और नाराजगी का माहौल रहा।

छह घंटे तक अंधेरे में डूबा महुआडांड़

जानकारी के अनुसार, बुधवार शाम करीब चार बजे के आसपास हल्की बारिश शुरू हुई। कुछ ही देर में पूरे महुआडांड़ प्रखंड क्षेत्र की बिजली अचानक कट गई। रात के दस बजे तक बिजली नहीं आने से लोगों का सब्र टूट गया। बच्चों की पढ़ाई बाधित रही, बुजुर्ग और मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। मोबाइल चार्जर बंद पड़ने से लोग पूरी तरह असुविधा में रहे।

विभाग पर बरसे ग्रामीण

ग्रामीणों ने बिजली विभाग की लापरवाही और कमजोर व्यवस्था पर कड़ी नाराजगी जताई है। लोगों ने कहा कि थोड़ी सी बारिश या हवा चलने पर बिजली कट जाना अब आम बात हो गई है। शिकायत करने पर भी न तो कोई अधिकारी मौके पर पहुंचता है और न ही त्वरित समाधान होता है।

स्थानीय ग्रामीण सुरेन्द्र नगेसिया ने कहा: “जब भी बारिश होती है, बिजली विभाग बहाने बनाने लगता है — कभी पोल झुकने का, कभी लाइन ट्रिप होने का। अब यह सब बर्दाश्त के बाहर है।”

ग्रामीणों ने कहा कि हर बार तकनीकी खराबी का हवाला देकर विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचता है, जबकि हकीकत यह है कि पुरानी तारें और खराब ट्रांसफॉर्मर समय रहते बदले ही नहीं जाते।

जनजीवन पर भारी असर

अंधेरे में डूबे इलाके में लोगों को रोजमर्रा की परेशानियां झेलनी पड़ीं। छोटे दुकानदारों का कारोबार ठप हो गया, वहीं छात्रों को परीक्षा की तैयारी में मुश्किलें आईं। महिलाओं ने कहा कि रात में अंधेरे के कारण सुरक्षा की चिंता भी बढ़ गई।

रंजिता नगेसिया ने निराशा भरे स्वर में कहा: “हर बार थोड़ी सी बारिश होती है और बिजली चली जाती है। बच्चों की पढ़ाई रुक जाती है। हम कब तक अंधेरे में रहेंगे?”

प्रशासन और बिजली विभाग पर सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि विभागीय अधिकारी स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। कई बार ज्ञापन देने के बावजूद भी तारों और पोलों की मरम्मत नहीं की गई है। लोग मांग कर रहे हैं कि विभाग जल्द से जल्द लाइन अपग्रेडेशन और ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत कराए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न बने।

न्यूज़ देखो: बुनियादी सेवाओं की अनदेखी से बढ़ रही जनता की पीड़ा

महुआडांड़ में बिजली समस्या सिर्फ तकनीकी नहीं बल्कि प्रशासनिक उदासीनता का परिणाम है। जब मामूली बारिश में छह घंटे तक बिजली ठप रहे, तो यह केवल असुविधा नहीं बल्कि व्यवस्था पर सवाल है। अब समय आ गया है कि विभाग इस समस्या को गंभीरता से ले और स्थायी समाधान की दिशा में काम करे।

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जागरूक नागरिक बनें, अधिकारों की मांग करें

बिजली सिर्फ सुविधा नहीं, यह जनजीवन की जरूरत है। जब भी ऐसी लापरवाही हो, तो चुप न रहें — शिकायत करें, आवाज उठाएं। जागरूक नागरिकता ही प्रशासन को जिम्मेदार बनाती है।
अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को दोस्तों तक पहुंचाएं और मिलकर जिम्मेदारी की यह लौ जलाएं।

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