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झारखंड में बिजली बनी मौत की फ्लैश लाइट: 5 दिन में वज्रपात से 21 लोगों की जान, 7 जून तक आएगा मानसून

#झारखंड #मौसम_अलर्ट – राज्यभर में बारिश से राहत तो मिली, लेकिन वज्रपात ने ले ली कई जानें

  • 7 जून तक झारखंड में मानसून के प्रवेश की संभावना, केरल में 25–27 मई के बीच दस्तक
  • रांची समेत 8 जिलों में भारी बारिश और वज्रपात का ऑरेंज अलर्ट
  • पिछले पांच दिनों में झारखंड में 21 लोगों की मौत, 31 घायल
  • राज्य में वज्रपात से हर साल 350 से अधिक मौतें होती हैं
  • मुआवजा प्रक्रिया से अनजान हैं ग्रामीण, आधे से ज्यादा आवेदन नहीं करते
  • मौसम विभाग ने 40-50 किमी/घंटा की तेज हवाओं की भी चेतावनी दी

बारिश से राहत लेकिन बिजली से कहर

झारखंड में पिछले कुछ दिनों से हो रही अचानक बारिश और वज्रपात ने लोगों को एक ओर गर्मी से राहत दी है, तो दूसरी ओर जानलेवा खतरा बनकर उभरी है। पिछले पांच दिनों में रांची, गिरिडीह, चाईबासा, जमशेदपुर, देवघर जैसे इलाकों में वज्रपात की वजह से 21 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 31 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

झारखंड मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति बनी रहेगी। वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि राज्य में 27 मई तक हर दिन बारिश होगी और कई क्षेत्रों में आंधी के साथ तेज हवाएं और बिजली गिरने की घटनाएं होंगी।

अलग-अलग जिलों का हाल: रांची से डालटनगंज तक गर्मी और बिजली दोनों सक्रिय

राज्य में तापमान में गिरावट आई है लेकिन डालटनगंज में तापमान 40.3 डिग्री तक पहुंच गया, जो सबसे अधिक रहा। अन्य प्रमुख शहरों का हाल इस प्रकार रहा:

  • रांची: 34.5 डिग्री
  • जमशेदपुर: 37.7 डिग्री
  • बोकारो: 34.1 डिग्री
  • चाईबासा: 38.0 डिग्री

मौसम विभाग ने देवघर, गिरिडीह, जामताड़ा, धनबाद, हजारीबाग, कोडरमा और रांची के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

मौतों का आंकड़ा और अलर्ट की अनदेखी

झारखंड में वज्रपात से मौत का सिलसिला चिंताजनक बनता जा रहा है। नीचे दी गई तालिका से साफ है कि किस तरह हर दिन मौतें हो रही हैं:

तिथिमृतकघायल
17 मई0204
18 मई0100
19 मई0607
20 मई0607
21 मई0613

इसके बावजूद अधिकतर ग्रामीण अलर्ट को नजरअंदाज कर देते हैं। लोग खुले में रहने, पेड़ के नीचे खड़े होने या धातु के संपर्क में आने जैसी गलतियों की वजह से जान गंवा बैठते हैं।

सरकारी मुआवजा और जनजागरूकता की कमी

वज्रपात को प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में रखा गया है, और इससे मौत पर सरकार की ओर से 4 लाख रुपए का मुआवजा तय है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकतर लोग इसके लिए आवेदन तक नहीं कर पाते। जानकारी की कमी, दस्तावेजी प्रक्रिया की जटिलता और स्थानीय नेताओं की निष्क्रियता इसकी मुख्य वजह है।

अभिषेक आनंद का कहना है:

“राज्य में हर साल वज्रपात से 350 से ज्यादा लोगों की मौत होती है, यह एक गंभीर समस्या है।”

न्यूज़ देखो : मौसम से जुड़ी हर चेतावनी की सटीक जानकारी

न्यूज़ देखो आपके लिए लाता है राज्यभर से मौसम से जुड़ी सबसे तेज़ और भरोसेमंद खबरें। वज्रपात जैसी आपदा से जुड़ी चेतावनियों को अनदेखा न करें और सतर्क रहें। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

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