#गुमला #आकाशीयबिजली : खेत में मवेशी चराने गई वृद्धा की मौत से गांव में पसरा मातम
- जुर्मू गांव में 70 वर्षीय बीरतीला तिर्की की ठनका गिरने से मौत।
- दोपहर में मौसम अचानक बिगड़ा और बारिश के बीच गिरी बिजली।
- शव को गुमला सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
- मुखिया प्रदीप मिंज ने आपदा राहत कोष से मदद दिलाने का भरोसा दिया।
- पूरे गांव में शोक की लहर, परिजनों को तत्काल सहायता की मांग।
दोपहर बाद अचानक बिगड़े मौसम ने जुर्मू गांव में एक परिवार की खुशियां छीन लीं। मवेशियों को चराने गई 70 वर्षीय बीरतीला तिर्की की ठनका गिरने से मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे ने न केवल उनके परिवार को बल्कि पूरे गांव को शोकग्रस्त कर दिया है। घटना की जानकारी ग्रामीणों ने प्रशासन को दी, जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए गुमला सदर अस्पताल भेजा गया।
हादसे का घटनाक्रम
ग्रामवासियों के अनुसार शुक्रवार दोपहर अचानक तेज बादल और गरज-चमक के साथ बारिश शुरू हो गई। उसी समय बीरतीला तिर्की अपने मवेशियों को लेकर गांव के बाहर खेत में थीं। तभी आकाशीय बिजली गिरी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। आस-पास मौजूद ग्रामीणों ने शोर मचाते हुए परिजनों और मुखिया को सूचना दी।
प्रशासनिक पहल और सहायता का आश्वासन
गांव के मुखिया प्रदीप मिंज ने तुरंत घटना स्थल पर पहुंचकर जानकारी ली। उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार को आपदा राहत कोष से सहायता दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मुखिया ने कहा कि ऐसी प्राकृतिक आपदाएं दुखद और अप्रत्याशित होती हैं, लेकिन प्रशासन हर संभव सहयोग करेगा।
प्रदीप मिंज ने कहा: “मैंने इस घटना की जानकारी अधिकारियों को दे दी है। पीड़ित परिवार को शीघ्र ही सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।”
गांव में शोक और आक्रोश
हादसे के बाद पूरे गांव में गम का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द आर्थिक सहायता देने की मांग की है ताकि पीड़ित परिवार को राहत मिल सके। लोग यह भी चाहते हैं कि बरसात के मौसम में बिजली से सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाए।
ठनका से बचाव की ज़रूरत
विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश और गर्जना के समय खुले मैदान में मवेशी चराने या पेड़ के नीचे खड़े रहने से बचना चाहिए। ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन गांवों में सुरक्षित आश्रय स्थल और जानकारी उपलब्ध कराए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से लोगों की जान बच सके।
न्यूज़ देखो: प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा का सबक
यह घटना बताती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी ठनका जैसी आपदाओं को लेकर जागरूकता की कमी है। प्रशासन को चाहिए कि पीड़ित परिवार को राहत देने के साथ-साथ गांवों में सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देशों को प्रसारित करे। प्राकृतिक आपदा अचानक आती है, लेकिन सावधानियों से जनहानि को कम किया जा सकता है।
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संवेदनशील बनें, सुरक्षा को प्राथमिकता दें
यह हादसा हमें चेतावनी देता है कि मौसम की अनदेखी खतरनाक साबित हो सकती है। हमें न सिर्फ खुद सतर्क रहना होगा बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करना होगा।
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