
#गढ़वा #शिक्षा : बेटियों के उज्ज्वल भविष्य और अनुशासन के लिए विद्यालय प्रशासन सख्त, अभिभावकों से भी की अहम अपील
- गढ़वा KGBV ने शिक्षा सुधार के लिए शुरू की नई पहल।
- आधार कार्ड और APAR ID में त्रुटि सुधारने पर विशेष जोर।
- 10वीं बोर्ड परीक्षा में खराब प्रदर्शन के बाद शुरू हुई अतिरिक्त ट्यूशन।
- 75% उपस्थिति अनिवार्य, अनुशासनहीनता पर सख्ती।
- डिजिटल संसाधनों के दुरुपयोग पर चिंता जताई, अभिभावकों से सहयोग की अपील।
- NEP 2020 के तहत नए ट्रेड्स शुरू—सिलाई, हेल्थ, मल्टीमीडिया और आईटी।
गढ़वा जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय (KGBV) ने शिक्षा सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए अभिभावक-विद्यालय बैठक आयोजित की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य छात्राओं की शिक्षा, अनुशासन और भविष्य को लेकर समन्वय बनाना था। विद्यालय प्रशासन ने साफ किया कि बेटियों का उज्ज्वल भविष्य तभी संभव है जब अभिभावक और शिक्षक मिलकर जिम्मेदारी निभाएं।
इस बैठक में आधार कार्ड सुधार से लेकर अतिरिक्त ट्यूशन, उपस्थिति नियम और व्यावसायिक शिक्षा तक कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। पिछले वर्ष की बोर्ड परीक्षा के निराशाजनक परिणामों के बाद इस बार विद्यालय ने पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने पर विशेष ध्यान दिया है।
आधार कार्ड और दस्तावेजों में सुधार पर जोर
विद्यालय प्रशासन ने निर्देश दिया कि प्रत्येक छात्रा का आधार कार्ड उसके प्रमाण पत्रों के अनुसार सुधारा जाए। नाम और जन्मतिथि की स्पेलिंग में त्रुटि न हो, यह सुनिश्चित करना जरूरी है। छुट्टियों का उपयोग इस कार्य के लिए करने को कहा गया।
शिक्षा गुणवत्ता सुधार के लिए अतिरिक्त ट्यूशन
पिछले वर्ष 10वीं बोर्ड परीक्षा में 74 में से सिर्फ 19 छात्राएं पास हो सकी थीं। इस स्थिति को सुधारने के लिए विद्यालय ने 9वीं और 10वीं के लिए शाम 6 बजे विशेष कक्षाओं की शुरुआत की है। वहीं 12वीं के छात्रों को फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी की अतिरिक्त ट्यूशन दी जाएगी। अभिभावकों से आग्रह किया गया कि वे बच्चियों को नियमित रूप से इन कक्षाओं में भेजें।
अनुशासन और उपस्थिति पर सख्ती
विद्यालय ने सभी छात्राओं के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। साथ ही, एक से अधिक विद्यालयों में नामांकन की प्रवृत्ति पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया। प्रशासन ने स्पष्ट कहा कि छुट्टियों के बाद समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी।
डिजिटल संसाधनों का दुरुपयोग रोकने की अपील
विद्यालय ने चिंता जताई कि कुछ छात्राएं प्रोजेक्टर और डिजिटल साधनों का उपयोग पढ़ाई की बजाय फिल्मों और वीडियो देखने में कर रही हैं। प्रबंधन ने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चियों को पढ़ाई के महत्व को समझाएं और सही दिशा में प्रेरित करें।
आत्मनिर्भरता के लिए व्यावसायिक ट्रेड्स
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत विद्यालय ने चार नए व्यावसायिक ट्रेड शुरू किए हैं—सिलाई, हेल्थ, मल्टीमीडिया और सूचना प्रौद्योगिकी। प्रशासन का मानना है कि इन ट्रेड्स से छात्राएं भविष्य में आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
विद्यालय-परिवार समन्वय पर जोर
बैठक में कहा गया कि अभिभावक, शिक्षक और छात्रा के बीच बेहतर तालमेल ही सफलता की कुंजी है। छोटी-मोटी जरूरतों के लिए छुट्टी लेने से बचने और समय-समय पर विद्यालय आकर बच्चियों की प्रगति जानने की सलाह दी गई।
वार्डन ने बैठक के अंत में बताया कि विद्यालय 2 सितंबर से छह दिनों के लिए बंद रहेगा और बच्चियों को केवल शाम में ही लेने आने का अनुरोध किया।
करके गांव परिहारा पंचायत से आए अभिभावक सुंदर देव यादव ने सभी अभिभावकों से विद्यालय परिवार का साथ देने का आग्रह करते हुए संगीत भी प्रस्तुत किया
- बतीया सुन ल देके ध्यान, बा जरूरी शिक्षा ज्ञान।



न्यूज़ देखो: गढ़वा में बेटियों की शिक्षा की नई दिशा
गढ़वा KGBV का यह प्रयास सिर्फ एक बैठक नहीं, बल्कि बेटियों की शिक्षा और आत्मनिर्भरता को लेकर एक शैक्षणिक क्रांति की शुरुआत है। आधार सुधार से लेकर व्यावसायिक शिक्षा तक, हर कदम यह संदेश दे रहा है कि बेटियों को अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और मजबूत पहचान दिलाना ही प्राथमिकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बेटियों की शिक्षा में सबका योगदान जरूरी
गढ़वा का यह उदाहरण बताता है कि यदि विद्यालय और अभिभावक मिलकर काम करें तो शिक्षा सुधार संभव है। अब समय है कि हम सभी बेटियों की शिक्षा और आत्मनिर्भरता में अपनी भूमिका निभाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर कर जागरूकता फैलाएं।