
#पलामू #आवास_वंचित : रंगेया पंचायत के खरीकदाग गांव में गरीब परिवार को अब तक नहीं मिला प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ।
- मनातू प्रखंड क्षेत्र के खरीकदाग गांव में 30 वर्षों से मिट्टी की झोपड़ी में रह रहा है एक गरीब परिवार।
- विनोद यादव पत्नी और दो बच्चों के साथ झोपड़ी में रहने को मजबूर।
- बरसात में टपकती छत और दरारों वाली दीवारों में जिंदगी बिता रहा परिवार।
- प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची से नाम हटा, बार-बार आवेदन के बावजूद अब तक कोई लाभ नहीं।
- बीडीओ मदन कुमार सुमन ने कहा—जल्द ही जांच कराकर योजना का लाभ दिलाया जाएगा।
पलामू जिले के मनातू प्रखंड क्षेत्र के रंगेया पंचायत अंतर्गत खरीकदाग गांव का एक गरीब परिवार पिछले तीस वर्षों से मिट्टी की झोपड़ी में अपनी जिंदगी काट रहा है। केंद्र और राज्य सरकार जहां हर गरीब को पक्का घर देने की बात करती है, वहीं इस परिवार की जिंदगी अब भी मिट्टी की दीवारों और टपकती छतों के बीच गुजर रही है। परिवार की बदहाली देखकर गांव के लोग भी स्तब्ध हैं।
तीस वर्षों से झोपड़ी में जिंदगी, बरसात में टपकती छत
विनोद यादव, जो पत्नी और दो छोटे बच्चों के साथ मिट्टी की झोपड़ी में रहते हैं, ने बताया कि हर बारिश में उनकी झोपड़ी टपकने लगती है। दीवारों में गहरी दरारें हैं और कभी भी गिरने का खतरा बना रहता है। परिवार प्लास्टिक और पुराने कपड़ों से छत को ढककर किसी तरह रात गुजारता है। तीस वर्षों से वही टूटा-फूटा घर उनकी किस्मत बन गया है, जिसे वे हर साल मरम्मत कर किसी तरह रहने लायक बनाते हैं।
लिस्ट में था नाम, बाद में हटा दिया गया
विनोद यादव ने बताया कि उनका नाम एक बार प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में शामिल हुआ था, लेकिन कुछ समय बाद बिना जानकारी दिए सूची से हटा दिया गया। तब से लेकर अब तक उन्होंने पंचायत कार्यालय और मुखिया के दरवाजे के कई चक्कर लगाए, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। मुखिया की ओर से ‘हो जाएगा’ की बात तो कही जाती है, पर नतीजा शून्य है।
होटल में काम कर पाल रहा है परिवार
गरीबी की मार झेल रहे विनोद यादव अपने बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए स्थानीय होटल में मजदूरी करते हैं। उनकी आमदनी इतनी नहीं कि खुद से पक्का घर बनवा सकें। सरकारी योजना का लाभ मिलने की उम्मीद में वह हर बार निराश हुए हैं। झोपड़ी की हालत इतनी खराब है कि परिवार हर समय मौत के साए में जीवन बिता रहा है।
प्रशासन ने दिलाया भरोसा
इस मामले में मनातू प्रखंड विकास पदाधिकारी मदन कुमार सुमन ने कहा:
मदन कुमार सुमन, बीडीओ मनातू ने कहा: “पंचायत सेवक से जांच कराकर बहुत जल्द बेघर परिवार विनोद यादव को आवास योजना का लाभ दिलाया जाएगा।”
न्यूज़ देखो: सरकारी योजनाओं के धरातल पर सवाल
यह मामला बताता है कि सरकारी योजनाओं की गूंज भले ही कागजों में सुनाई देती है, लेकिन जमीनी हकीकत आज भी कई गरीबों की झोपड़ियों में दफन है। जब एक परिवार तीन दशकों तक बिना घर के गुज़ारा कर रहा है, तो यह शासन-प्रशासन की गंभीर विफलता को उजागर करता है। अब देखना होगा कि प्रशासन का यह भरोसा कब तक हकीकत में बदलता है।
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अब वक्त है जिम्मेदारी निभाने का
सरकार की योजनाएं तभी सार्थक होंगी जब उनका लाभ हर जरूरतमंद तक पहुंचेगा। विनोद यादव जैसे लोगों के लिए घर सिर्फ चार दीवारें नहीं, बल्कि जीवित रहने की सुरक्षा है। अब समाज और प्रशासन दोनों को मिलकर ऐसे परिवारों तक योजनाओं की रोशनी पहुंचानी होगी।
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