Latehar

लोध फॉल की गूँज में झर रहा है सौंदर्य, झारखंड का सबसे ऊँचा झरना बना आकर्षण का केंद्र

#महुआडांड़ #पर्यटन : झारखंड का गर्व लोध फॉल इन दिनों अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जल-संगीत से कर रहा है पर्यटकों को मंत्रमुग्ध
  • महुआडांड़ की गोद में बसा लोध फॉल, झारखंड का सबसे ऊँचा झरना, इस मौसम में अपनी पूरी रौनक पर है।
  • करीब 468 फीट की ऊँचाई से गिरता यह जलप्रपात पूरे जंगल में गूँज पैदा करता है।
  • हल्की बारिश और पहाड़ी धुंध ने आसपास की वादियों को स्वर्गिक रूप दे दिया है।
  • देश-विदेश से आने वाले सैलानियों की संख्या में इस सीजन में तेजी से वृद्धि हुई है।
  • स्थानीय लोगों के अनुसार, बारिश के मौसम में लोध फॉल का सौंदर्य अपने चरम पर होता है।

महुआडांड़ प्रखंड में स्थित लोध फॉल, जिसे झारखंड का गौरव कहा जाता है, इन दिनों अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता से पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। लगभग 468 फीट की ऊँचाई से गिरता यह झरना इस मौसम में बादलों, हरियाली और नमी के संगम से किसी जीवंत चित्र जैसा प्रतीत होता है। झरने की गूँज आसपास के घने जंगलों में फैल जाती है और उसके साथ बहती ठंडी हवा यात्रियों को एक अनोखी अनुभूति देती है।

झरने की रौनक और प्रकृति का संगीत

बारिश के हल्के झोंकों और पहाड़ी धुंध के बीच लोध फॉल इस समय अपने सर्वोच्च सौंदर्य पर है। झरने की धार जब नीचे गिरती है, तो पानी के कणों से धुंध का जादुई घेरा बनता है, जो सूरज की किरणों से टकराकर इंद्रधनुषी आभा पैदा करता है। यह दृश्य इतना मोहक होता है कि हर पर्यटक कुछ देर के लिए वहीं ठहर जाता है।

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह वही वक्त है जब लोध फॉल का जल-संगीत सबसे प्रखर होता है। पानी की गूँज और पक्षियों की चहचहाहट मिलकर एक ऐसा वातावरण बनाते हैं, जो किसी प्राकृतिक संगीत समारोह से कम नहीं।

बढ़ रही है पर्यटकों की भीड़

पिछले कुछ सप्ताहों से लोध फॉल में आने वाले सैलानियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। राज्य के विभिन्न जिलों के अलावा, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से भी पर्यटक यहाँ पहुँच रहे हैं। कुछ लोग इसे अपने कैमरों में कैद कर रहे हैं, जबकि कुछ बस झरने के पास बैठकर प्रकृति के इस संगीत को महसूस कर रहे हैं।

एक स्थानीय दुकानदार ने बताया —

Join News देखो WhatsApp Channel

“बरसात शुरू होते ही यहाँ रौनक बढ़ जाती है। इस बार तो लोग रोज़ की तरह झरने का आनंद लेने आ रहे हैं, और इससे हमारी छोटी दुकानों की बिक्री भी बढ़ी है।”

पर्यटन और रोजगार का केंद्र बन रहा लोध फॉल

लोध फॉल न केवल एक प्राकृतिक सौंदर्य स्थल है बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति दे रहा है। झरने के आसपास हस्तनिर्मित वस्तुएँ, स्थानीय खाद्य पदार्थ और हस्तशिल्प बेचने वाले लोगों की आजीविका इससे जुड़ी हुई है। प्रशासन द्वारा भी इस क्षेत्र को पर्यटन सर्किट में शामिल करने की तैयारी की जा रही है, ताकि यहाँ के सौंदर्य को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले।

पर्यटकों ने प्रशासन से यह भी अपील की है कि झरने तक पहुंचने वाले रास्तों की सड़क व्यवस्था सुधारी जाए और बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की जाए ताकि लोगों को और सुविधा मिल सके।

न्यूज़ देखो: जब प्रकृति खुद बन जाए कला का कैनवास

लोध फॉल यह साबित करता है कि झारखंड केवल खनिज संपदा से समृद्ध नहीं, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटन की अपार संभावनाओं से भी भरपूर है। यदि प्रशासन उचित देखरेख और सुविधाएं उपलब्ध कराए, तो यह स्थान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर और भी दमदार पहचान बना सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

प्रकृति से प्रेम ही असली विकास की दिशा

लोध फॉल हमें याद दिलाता है कि प्रकृति का सम्मान और संरक्षण ही सच्चा विकास है। हमें अपनी धरती, जल और जंगलों की रक्षा करनी होगी ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इन नजारों का आनंद ले सकें।
सजग रहें, पर्यावरण का सम्मान करें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और झारखंड की सुंदरता को दुनिया तक पहुँचाएं।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20251017-WA0018
IMG-20250723-WA0070
20251209_155512
IMG-20250925-WA0154
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250610-WA0011
1000264265

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Ramprawesh Gupta

महुवाडांड, लातेहार

Related News

Back to top button
error: