#लोहरदगा #नलजलघोटाला – पतरातू-निगनी गांवों में नल जल योजना के टैंकों में नहीं चढ़ा पानी, सांसद करेंगे दिशा बैठक में उठाव
- किस्को प्रखंड के कई गांवों में तीन साल से अधूरी पड़ी जल योजनाएं
- 8000 लीटर क्षमता वाले टैंक बने, लेकिन पानी की एक बूंद भी नहीं
- सांसद सुखदेव भगत के निर्देश पर पहुंचे आलोक कुमार साहू
- ग्रामीणों ने बताया सरकारी राशि का दुरुपयोग और बंदरबांट
- 29 अप्रैल को दिशा बैठक में उठेगा यह गंभीर मुद्दा
- उपायुक्त से भी मांग की गई तत्काल जांच और कार्रवाई की
पतरातू और निगनी में तीन साल से प्यासे हैं ग्रामीण
लोहरदगा जिला के किस्को प्रखंड के पतरातू और निगनी गांवों में नल जल योजना का हाल बेहद खस्ताहाल है। गर्मी में जहां ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं, वहीं पेयजल विभाग के अधिकारी मस्त बैठे हैं। माननीय सांसद सुखदेव भगत को जब ग्रामीणों ने समस्या बताई, तो उन्होंने तुरंत अपने निजी सहायक आलोक कुमार साहू को गांव भेजा।
सरकारी टैंकों की हकीकत : बने तो सही, पर पानी नहीं चढ़ा
पतरातू खरिहान टोली, बड़का टोली, आदिवासी टोली और नवा टोली में 8000 लीटर के जल टैंक तो बना दिए गए हैं, लेकिन आज तक उनमें पानी नहीं चढ़ा। तीन वर्षों से ग्रामीण पानी के लिए परेशान हैं। यही हाल निगनी और गंगूपाड़ा गांवों का भी है, जहां स्ट्रक्चर खड़ा कर दिया गया लेकिन टंकी नहीं लगाई गई।
“जनता पानी के लिए त्रस्त है और पेयजल विभाग के अधिकारी मस्त हैं।” — आलोक कुमार साहू
साहू की पहल : उपायुक्त से जांच और कार्यवाही की मांग
लोहरदगा इंटक अध्यक्ष आलोक कुमार साहू ने उपायुक्त से मिलकर इस पूरे मामले की जांच कराने और जल्द से जल्द पेयजल उपलब्ध कराने की मांग की। उनका कहना है कि:
“सरकारी राशि का दुरुपयोग कर योजनाओं को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया है। 3 साल से क्यों लंबित हैं ये योजनाएं, इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए।” — आलोक कुमार साहू
सांसद लेंगे संज्ञान : दिशा बैठक में होगी चर्चा
29 अप्रैल को होने वाली दिशा की बैठक में माननीय सांसद सुखदेव भगत इस मुद्दे को सशक्त रूप से उठाने वाले हैं। ग्रामीणों को उम्मीद है कि अब कोई ठोस कार्रवाई होगी और उन्हें भी शुद्ध पेयजल मिल सकेगा।



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