
#गढ़वा #लंपीवायरस : आधा दर्जन पशुओं की मौत, पशुपालक बोले – अब मवेशियों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है
- कांडी, केतार और भवनाथपुर प्रखंडों में लंपी वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है।
- अब तक आधा दर्जन से अधिक मवेशियों की मौत, दर्जनों संक्रमित हैं।
- घरेलू उपचार नाकाफी, पशुपालक सरकारी मदद की गुहार लगा रहे हैं।
- पशुपालन विभाग की लापरवाही से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश।
- डीसी ने विभाग को निर्देश दिया, प्रभावित क्षेत्रों में वैक्सीन और दवा की व्यवस्था हो।
गढ़वा जिले के कांडी, केतार और भवनाथपुर प्रखंडों में इन दिनों लंपी वायरस तेजी से फैल रहा है। पशुपालकों के बीच दहशत का माहौल है। पिछले कुछ दिनों में इलाके में आधा दर्जन मवेशियों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य संक्रमित हैं। इस बीमारी ने किसानों और पशुपालकों की जीविकोपार्जन की चिंता बढ़ा दी है।
कांडी में भयावह हालात, पशुपालक हुए निराश
कांडी प्रखंड क्षेत्र में स्थिति सबसे गंभीर बताई जा रही है। पशुपालकों ने बताया कि उनके मवेशियों के शरीर पर गांठें बन रही हैं, जिससे वे खाना-पीना छोड़ दे रहे हैं। कई लोगों ने घरेलू नुस्खों से इलाज करने की कोशिश की, लेकिन संक्रमण कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है।
एक ग्रामीण ने कहा, “एक महीने से हमारे गांव में मवेशी बीमार हैं। कई की मौत हो चुकी है, लेकिन कोई अधिकारी हाल जानने नहीं आया। अगर यही हाल रहा तो हमारे पशु और हमारी रोजी-रोटी दोनों खत्म हो जाएंगे।”
विभाग की चुप्पी पर जनता का गुस्सा
इलाके के लोग पशुपालन विभाग की निष्क्रियता से नाराज हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद अब तक किसी तरह की वैक्सीनेशन या मेडिकल टीम गांव नहीं पहुंची है। कई पशुपालक खुद दवा खरीदकर इलाज करा रहे हैं, पर नतीजा उम्मीद के अनुसार नहीं मिल रहा।
पशुपालकों ने कहा, “हमारी गायें मर रही हैं, लेकिन विभाग आंख मूंदे बैठा है। हमें सरकारी मदद और पशु चिकित्सकों की जरूरत है।”
डीसी ने दिया तत्काल एक्शन का आदेश
लंपी वायरस के बढ़ते संक्रमण पर उपायुक्त (डीसी) ने चिंता जताते हुए पशुपालन विभाग को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में टीम भेजकर पशुओं की जांच की जाए और जरूरत पड़ने पर वैक्सीन और दवा वितरण तुरंत शुरू किया जाए, ताकि मवेशियों की जान बचाई जा सके।
डीसी ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि वायरस पर जल्द से जल्द नियंत्रण पाया जाए और पशुपालकों को राहत मिले।”
न्यूज़ देखो: मवेशियों का जीवन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार
लंपी वायरस सिर्फ बीमारी नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर संकट बन चुका है। प्रशासन और विभागों को चाहिए कि इस पर संवेदनशीलता से काम करें और गांवों में चिकित्सा टीमों की संख्या बढ़ाएं। यह समय त्वरित कार्रवाई और जनजागरूकता का है।
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जागरूकता ही बचाव का रास्ता
मवेशी किसान की पूंजी हैं, उनकी सुरक्षा गांव की समृद्धि है। अब वक्त है कि हम सब इस बीमारी के प्रति जागरूक बनें, आसपास के पशुपालकों को सचेत करें और प्रशासन से सक्रिय कदमों की मांग करें। अपनी राय कमेंट करें, खबर साझा करें और मिलकर पशुधन की रक्षा करें।