#पलामू #महिलासुरक्षा | नक्सल बेल्ट में महिला अपराध, पॉक्सो, डकैती और पुलिस कैंपों की होगी गहन समीक्षा
- जोनल आईजी सुनील भास्कर ने तीनों जिलों के एसपी से मांगी विस्तृत रिपोर्ट
- महिला हिंसा, पॉक्सो, सामाजिक अपराध और नक्सल गतिविधियां रहेंगी समीक्षा के केंद्र में
- रिपोर्ट की मई के पहले सप्ताह में होगी गहन समीक्षा, डीआईजी और एसपी रहेंगे मौजूद
- एससी-एसटी एक्ट के मामलों की प्रगति पर भी रखी जाएगी नजर
- नक्सल कमजोर पड़ने के बाद बढ़ाई जा रही पुलिसिंग की सक्रियता
- पुलिस कैंपों की भूमिका और तैनाती की स्थिति की भी जांच होगी
महिला सुरक्षा और सामाजिक अपराधों पर होगी विशेष समीक्षा
पलामू जोन के आईजी सुनील भास्कर ने पलामू, गढ़वा और लातेहार के पुलिस अधीक्षकों से 25 अहम बिंदुओं पर रिपोर्ट तलब की है। इन बिंदुओं में महिला हिंसा, पॉक्सो एक्ट, डकैती, चोरी और सामाजिक अपराध जैसे संवेदनशील मुद्दों को प्राथमिकता दी गई है। रिपोर्ट को मई के पहले सप्ताह में डीआईजी और तीनों जिलों के एसपी की उपस्थिति में समीक्षा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
“25 बिंदुओं पर रिपोर्ट मंगाई गई है। इनके आधार पर पुलिस व्यवस्था को और सशक्त करने के निर्णय लिए जाएंगे।” — सुनील भास्कर, जोनल आईजी पलामू
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस व्यवस्था की पुनर्समीक्षा
पलामू, गढ़वा और लातेहार को झारखंड के प्रमुख नक्सल प्रभावित जिलों में गिना जाता रहा है। हालांकि हाल के वर्षों में नक्सली गतिविधियों में कमी आई है, खासकर पलामू को केंद्र सरकार ने नक्सल मुक्त घोषित कर दिया है। बावजूद इसके, गढ़वा के बूढ़ा पहाड़ और लातेहार के कुछ हिस्सों में अब भी सुरक्षा चुनौतियाँ बरकरार हैं।
इन्हीं स्थितियों को देखते हुए, रिपोर्ट के माध्यम से पुलिस कैंपों की भूमिका, उनकी तैनाती की प्रभावशीलता और अपराध नियंत्रण में सक्रियता की भी जांच की जाएगी। कई इलाकों में अतिरिक्त बल भेजने की तैयारी चल रही है।
न्यायिक मामलों की प्रगति और लंबित केस भी होंगे रडार पर
आईजी ने एससी/एसटी एक्ट के तहत लंबित मामलों, पॉक्सो केसों की प्रगति और सामाजिक अपराधों की विस्तृत समीक्षा के संकेत दिए हैं। रिपोर्ट में यह भी देखा जाएगा कि किन मामलों में गिरफ्तारी लंबित है और जमानत या ट्रायल की स्थिति क्या है।
न्यूज़ देखो : प्रशासनिक समीक्षा की हर हलचल पर हमारी नजर
न्यूज़ देखो आपकी प्रशासनिक और पुलिसिक व्यवस्था से जुड़ी खबरों का तेज और भरोसेमंद स्रोत है। हम हर ऐसे फैसले और समीक्षा प्रक्रिया पर पैनी नजर रखते हैं जिससे सुरक्षा और न्याय व्यवस्था बेहतर हो सके।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो कृपया इसे रेट करें और नीचे कमेंट में अपनी राय दें।