महूदंड गांव में प्रशासन की कार्रवाई से बेघर हुए परिवार, ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर

घटना के मुख्य बिंदु:

डंडई (प्रतिनिधि): महूदंड गांव में 15 दिसंबर को प्रशासन द्वारा अचानक तीन परिवारों के घरों पर ताला लगा दिया गया, जिससे वे बेघर हो गए और खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए। इस घटना ने उन परिवारों की जिंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया है, जिनमें महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल हैं।

पीड़ित परिवारों ने बताया कि उन्हें बिना किसी नोटिस या कोर्ट आदेश के घरों से बाहर कर दिया गया। प्रशासन ने उन्हें सामान निकालने तक का समय नहीं दिया, जिससे उन्हें खाने-पीने की भी समस्या हो गई है। पीड़ित परिवारों का कहना है कि यह कार्रवाई गांव के दो ठाकुर परिवारों के आपसी जमीनी विवाद के कारण हुई है, जबकि वे पिछले 50 वर्षों से उसी जमीन पर अपने घर बनाकर रह रहे थे। प्रशासन ने उनके घरों के आसपास लाल झंडे भी लगाए हैं।

ठंड में संघर्ष कर रहा परिवार

इस प्रशासनिक कार्रवाई के बाद परिवारों की स्थिति बहुत खराब हो गई है। महिलाएं और छोटे बच्चे ठंड से परेशान हैं, और उनकी पढ़ाई भी बाधित हो गई है। परिवार ने न्याय की उम्मीद में प्रयास किया है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं मिला है।

“हमारे घरों को बिना किसी कारण के बंद कर दिया गया है, और हम अब न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। यह हमारे साथ नाइंसाफी है।”- पीड़ित परिवार

राष्ट्रीय अंसारी एकता संगठन की मदद

इस घटना की जानकारी मिलते ही राष्ट्रीय अंसारी एकता संगठन के पदाधिकारियों ने महूदंड गांव में पहुंचकर पीड़ित परिवार का हालचाल लिया। संगठन ने ठंड के मौसम को देखते हुए पीड़ित परिवार को 5000 रुपये की नकद सहायता, कंबल, गर्म कपड़े और खाने-पीने का सामान मुहैया कराया। संगठन ने पीड़ितों को कानूनी मदद का भरोसा दिया और उनके साथ खड़े रहने का वादा किया।

संगठन के पदाधिकारियों में झारखंड युवा प्रदेश अध्यक्ष फिरोज अंसारी, जिला अध्यक्ष आफताब अंसारी, जिला सलाहकार जफर अंसारी, जिला कोषाध्यक्ष खालिद अंसारी, गढ़वा प्रखंड अध्यक्ष गुलाम मुस्तफा अंसारी, डंडई प्रखंड अध्यक्ष हैसियत अंसारी और कासिमुद्दीन अंसारी शामिल थे।

सरकार और प्रशासन से अपील

पीड़ित परिवार ने प्रशासन और सरकार से अपील की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और उन्हें उनके घर वापस लौटने का अवसर प्रदान किया जाए। उन्होंने प्रशासन से उनके साथ किए गए अन्याय को रोकने की भी मांग की है।

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