#महुआडांड़ #शराब_मामला : ग्राहकों ने लगाया एमआरपी से अधिक वसूली का आरोप – वीडियो वायरल होते ही प्रशासन से कार्रवाई की मांग
- महुआडांड़ प्रखंड मुख्यालय की अंग्रेजी शराब दुकान पर एमआरपी से अधिक दर पर बिक्री का आरोप।
 - ग्राहकों ने बोतलों पर छपे असली मूल्य को ढककर नए स्टिकर चिपकाने की बात कही।
 - 20 से 80 रुपये तक अधिक वसूली का आरोप, वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल।
 - विकास जायसवाल ने कहा – “यह प्रथा लंबे समय से चल रही है।”
 - स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तत्काल जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
 
महुआडांड़ प्रखंड मुख्यालय स्थित अंग्रेजी शराब दुकान पर उपभोक्ताओं का आरोप है कि वहां शराब की बिक्री एमआरपी से अधिक दरों पर की जा रही है। ग्राहकों ने बताया कि दुकान कर्मी बोतलों पर छपे असली एमआरपी को ढककर नए स्टिकर चिपका रहे हैं, जिन पर अधिक मूल्य लिखा होता है। इस तरह उपभोक्ताओं से मनमानी दरों पर रकम वसूली जा रही है। वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले ने स्थानीय स्तर पर आक्रोश और प्रशासनिक संज्ञान दोनों को जन्म दिया है।
ग्राहकों का आरोप – हर बोतल पर 20 से 80 रुपये की अतिरिक्त वसूली
जानकारी के अनुसार, ग्राहकों ने इस पूरे प्रकरण का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि बोतलों पर छपा वास्तविक एमआरपी स्टिकर से ढका गया है और ऊपर नए स्टिकर लगाए गए हैं, जिनमें बढ़ा हुआ मूल्य दर्ज है। उपभोक्ताओं का कहना है कि इस मनमानी के कारण उन्हें प्रत्येक बोतल पर 20 से 80 रुपये तक अधिक भुगतान करना पड़ रहा है।
ओरसापाठ निवासी विकास जायसवाल ने बताया कि यह स्थिति कोई नई नहीं है, बल्कि काफी समय से चल रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के समक्ष कई बार शिकायत की गई, परंतु अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
विकास जायसवाल ने कहा: “यह प्रथा लंबे समय से चल रही है। जब भी उपभोक्ता सही रेट की मांग करते हैं, तो दुकान के कर्मी बहाने बनाकर ज्यादा पैसा वसूलते हैं।”
स्थानीय उपभोक्ताओं में नाराजगी, पारदर्शिता की मांग
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि दुकान पर अनिवार्य रूप से रेट चार्ट प्रदर्शित किया जाए, ताकि उपभोक्ताओं को सही मूल्य की जानकारी मिल सके। लोगों ने कहा कि शराब बिक्री केंद्र उपभोक्ता हितों की अनदेखी कर रहे हैं और यह सीधा-सीधा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे जन आंदोलन शुरू करेंगे।
लोगों ने यह भी कहा कि इस तरह की अवैध कमाई न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इससे उपभोक्ताओं का भरोसा भी टूटता है। कई उपभोक्ताओं ने इस संबंध में वीडियो और साक्ष्य साझा किए हैं, जिससे यह मामला अब जनता की निगाहों में प्रमुख विषय बन गया है।
प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की अपील
ग्राहकों और स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से अपील की है कि शराब दुकान की तत्काल जांच कराई जाए और दोषी कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी दुकानों पर औचक निरीक्षण टीमों को नियमित रूप से भेजा जाना चाहिए ताकि मनमानी वसूली पर रोक लग सके।
स्थानीय व्यापारियों ने भी कहा कि इस तरह की अनियमितताओं से सरकार की छवि धूमिल होती है और राजस्व पर भी असर पड़ता है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन को चाहिए कि सभी शराब दुकानों का रेट वेरिफिकेशन कराया जाए और जहां गड़बड़ी मिले, वहां लाइसेंस रद्द किया जाए।
न्यूज़ देखो: जनता की जेब पर डाका, प्रशासन की जिम्मेदारी बड़ी
यह खबर बताती है कि कैसे कुछ शराब दुकानों पर मनमानी वसूली उपभोक्ताओं के अधिकारों का खुला उल्लंघन कर रही है। यह सिर्फ अवैध लाभ का मामला नहीं बल्कि सरकारी नियमन की अव्यवस्था और लापरवाही को भी उजागर करता है। अब सवाल यह है कि जब वीडियो सबूत के रूप में मौजूद है, तो क्या प्रशासन दोषियों पर सख्त कदम उठाएगा या मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सजग नागरिक बनें, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं
अब वक्त है कि हम सब मिलकर उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए सजग हों। प्रशासन को जवाबदेह बनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। अगर आपने भी ऐसी अनियमितता देखी है, तो अपनी बात सार्वजनिक करें।
सत्य की आवाज बुलंद करें, गलत के खिलाफ खड़े हों।
अपनी राय कमेंट करें, खबर को दोस्तों तक पहुंचाएं और जिम्मेदारी साझा करें ताकि हर नागरिक जागरूक उपभोक्ता बन सके।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 



