
#महुआडांड़ #पर्यटन_विवाद : ग्रामीणों और वन विभाग के संयुक्त प्रयास से लोध फॉल का प्रवेश द्वार दोबारा खोला गया—पर्यटकों ने राहत की सांस ली।
- लोध फॉल का गेट बुधवार दोपहर बंद हुआ था।
- आपसी विवाद के कारण बंद किया गया था प्रवेश।
- ग्रामीणों व वन विभाग ने मिलकर किया पुनः उद्घाटन।
- आगामी बैठक में विवाद का स्थायी समाधान तलाशा जाएगा।
- गेट खुलने के बाद पर्यटकों में उत्साह देखा गया।
महुआडांड़। झारखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में शामिल लोध फॉल का प्रवेश द्वार बुधवार दोपहर लगभग 2 बजे उत्पन्न हुए आपसी विवाद के कारण बंद कर दिया गया था। अचानक हुए इस निर्णय से दूर-दराज से आए पर्यटक निराश होकर वापस लौटने को विवश थे। स्थानीय ग्रामीणों के बीच जमीन, व्यवस्था या प्रबंधन को लेकर उत्पन्न विवाद के चलते यह कदम उठाया गया था।
ग्रामीणों और वन विभाग की पहल से गेट खुला
गुरुवार को ग्रामीणों और वन विभाग के अधिकारियों के बीच सकारात्मक बातचीत के बाद गेट को पुनः खोल दिया गया। संयुक्त प्रयास से जब आवागमन बहाल हुआ, तो पर्यटकों में राहत और खुशी का माहौल देखने को मिला। स्थानीय लोगों ने भी इसे सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि पर्यटन से ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है, इसलिए किसी भी तरह का विवाद समाधान के रास्ते से ही हल होना चाहिए।
स्थायी समाधान के लिए बैठक की तैयारी
वन विभाग ने जानकारी दी कि गांव में उत्पन्न विवाद को स्थायी रूप से सुलझाने के लिए ग्रामीणों, पंचायत प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक जल्द आयोजित की जाएगी। बैठक की तिथि जल्द घोषित की जाएगी और इसमें सभी पक्षों की बात सुनकर समाधान निकाला जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न बने।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है शांतिपूर्ण माहौल
लोध फॉल झारखंड का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। यहां का सुन्दर प्राकृतिक दृश्य स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। ऐसे में किसी भी विवाद का लंबा खिंच जाना पर्यटन और आय पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इसलिए ग्रामीणों और प्रशासन दोनों के लिए यह आवश्यक है कि समाधान स्थायी और सर्वमान्य हो।
न्यूज़ देखो: पर्यटन और जनसहयोग का संतुलन
लोध फॉल में हुआ विवाद बताता है कि पर्यटन स्थलों के प्रबंधन में स्थानीय समुदाय की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यदि संवाद और सहयोग बना रहे, तो क्षेत्र का विकास लगातार आगे बढ़ता है। लोध फॉल का गेट फिर खुलना इस बात का प्रमाण है कि समाधान हमेशा बातचीत से ही निकलता है।
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पर्यटन है तरक्की का रास्ता
स्थानीय लोग और प्रशासन जब मिलकर काम करते हैं, तो विकास और शांति दोनों संभव होते हैं। लोध फॉल जैसे प्राकृतिक धरोहर की रक्षा, देखरेख और बेहतर प्रबंधन हमारे सभी की जिम्मेदारी है।
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