
#महुआडांड़ #स्कूल_अव्यवस्था : रा.प्रा.वि. हरखुटोला में प्राचार्य धूप में सोते मिले, बच्चे बरामदे में—मिड डे मील में दाल पानी परोसे जाने से अभिभावकों में रोष।
- रा.प्रा.वि. हरखुटोला में गुरुवार को गंभीर लापरवाही उजागर।
- प्राचार्य धूप में सोते मिले, जबकि बच्चे बरामदे में बिना निगरानी के बैठे।
- मिड डे मील में दाल पानी, सरकारी मेन्यू का पालन नहीं।
- शिक्षा व्यवस्था चरमराई, पढ़ाई-लिखाई लगभग ठप।
- अभिभावकों ने जिला प्रशासन से जांच और कार्रवाई की मांग की।
महुआडांड़ प्रखंड के सोहर पंचायत स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय हरखुटोला की शिक्षा व्यवस्था बदहाली की हद पार कर चुकी है। गुरुवार को जब ग्रामीणों ने मीडिया के साथ मिलकर परिस्थिति देखी, तो विद्यालय की अव्यवस्था देखकर सब स्तब्ध रह गए। बच्चे बरामदे में बिना किसी शिक्षक की देखरेख के बैठे थे, जबकि विद्यालय के प्राचार्य धूप में आराम करते हुए सोते मिले। किसी भी कक्षा में पठन-पाठन नहीं चल रहा था, और पूरे परिसर में अव्यवस्था साफ नजर आई।
ग्रामीणों का कहना है कि यह हाल सिर्फ एक दिन का नहीं है, बल्कि हर दिन बच्चे इसी तरह बिना पढ़ाई के लौट जाते हैं। शिक्षक समय पर स्कूल आते तो हैं, लेकिन शिक्षण गतिविधियाँ ठप रहती हैं। इससे बच्चों की शिक्षा पर गंभीर असर पड़ रहा है और अभिभावकों में गहरी नाराजगी है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रखंड की शिक्षा व्यवस्था बीते महीनों में लगातार गिर रही है और हरखुटोला स्कूल इसका ताज़ा उदाहरण है।
मिड डे मील में भी भारी लापरवाही
विद्यालय में चल रहे मिड डे मील की स्थिति भी अत्यंत चिंताजनक पाई गई। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों को दाल पानी जैसी पतली दाल परोसी जा रही है, जिसमें पोषण की कोई मात्रा नहीं होती।
सरकारी मेन्यू का पालन बिल्कुल नहीं हो रहा—न सब्जी, न पर्याप्त चावल, न प्रोटीन की व्यवस्था।
इससे छोटे बच्चे कुपोषण के खतरे में हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि सरकारी योजनाओं का उद्देश्य बच्चों को पौष्टिक भोजन देना है, लेकिन विद्यालय प्रशासन की लापरवाही से यह योजना मजाक बनकर रह गई है।
अभिभावकों की नाराजगी बढ़ी
अभिभावकों का कहना है कि
- विद्यालय में शिक्षकों की उदासीनता,
- प्राचार्य का गैर-जिम्मेदार रवैया,
- शिक्षण कार्य का ठप होना,
- बच्चों के भोजन में गंभीर लापरवाही,
इन सभी कारणों ने बच्चों का भविष्य दांव पर लगा दिया है।
ग्रामीणों ने कहा कि कई बार शिकायत करने पर भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।
प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी और जिला प्रशासन से तत्काल जांच की मांग की है।
उनका कहना है कि विद्यालय की व्यवस्था सुधारने के लिए
- प्राचार्य एवं जिम्मेदार शिक्षकों पर कार्रवाई,
- मिड डे मील संचालन की जांच,
- नियमित शैक्षणिक निरीक्षण,
- और शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के कदम
उठाए जाने चाहिए।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो वे प्रखंड स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

न्यूज़ देखो: शिक्षा पर संकट—बच्चों का भविष्य खतरे में
महुआडांड़ के इस विद्यालय की स्थिति बताती है कि शिक्षा व्यवस्था को सुधारना अब सिर्फ प्राथमिकता नहीं, बल्कि तत्काल आवश्यकता है। एक बच्चे का भविष्य पूरे समाज का भविष्य होता है, और ऐसी लापरवाहियाँ विकास की राह में बड़ी बाधा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बच्चों की शिक्षा, हमारी जिम्मेदारी
समाज तभी आगे बढ़ता है जब उसके बच्चे सीखें, बढ़ें और सुरक्षित वातावरण में विकसित हों।
आप भी कमेंट कर बताएं—क्या आपके क्षेत्र के स्कूलों में भी ऐसी समस्या है? इस खबर को शेयर करें ताकि आवाज़ प्रशासन तक पहुंचे और बदलाव की शुरुआत हो सके।





