
#महुआडांड़ #मोहब्बतएरसूल : जामा मस्जिद और गौसिया मस्जिद में नमाज़ के बाद मुस्लिम समुदाय ने “आई लव मुहम्मद” तख्ती लेकर अपने नबी की हुरमत का संदेश दिया
- महुआडांड़ जामा मस्जिद और गौसिया मस्जिद में जुमे की नमाज़ के तुरंत बाद विरोध प्रदर्शन किया गया।
- मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आई लव मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम तख्ती और बैनर हाथ में लेकर मोहब्बत-ए-रसूल का इज़हार किया।
- प्रदर्शन में विद्वान, शिक्षक, छात्र और आम मुसलमान शामिल हुए।
- वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि मोहब्बत-ए-रसूल हर मुसलमान का अहम हिस्सा है और नबी की सुन्नत की पालन के बिना ईमान अधूरा है।
- आयोजन जामिया नूरिया ज्याउल इस्लाम और अंजुमन कमिटी महुआडांड़ द्वारा आयोजित किया गया।
महुआडांड़ में आयोजित इस कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय ने एकजुट होकर यह संदेश दिया कि दुनिया की कोई ताक़त उन्हें उनके प्यारे नबी हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से मोहब्बत करने और उनका नाम लेने से रोक नहीं सकती। वक्ताओं ने कहा कि नबी की मोहब्बत हर मुसलमान के दिल में होना जरूरी है और इसके बिना ईमान अधूरा है। उन्होंने यह भी कहा कि इंसान के लिए सरवर-ए-कायनात की हुरमत उसकी जान, माल और इज़्ज़त से भी अधिक महत्वपूर्ण है।
प्रदर्शन और संदेश
महुआडांड़ की जामा मस्जिद और गौसिया मस्जिद में नमाज़ के बाद नागरिकों ने हाथों में तख्ती और बैनर लेकर मोहब्बत-ए-रसूल का इज़हार किया। इस अवसर पर विद्वानों, शिक्षकों और छात्रों ने शामिल होकर जोर देकर कहा कि हर मुसलमान की जिम्मेदारी है कि वह अपने नबी की हुरमत की रक्षा करे।
कारी गुलाम अहमद रज़ा ने कहा: “हमारा इरादा साफ है कि जब तक एक भी मोमिन ज़िंदा है, नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान में कोई गुस्ताख़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हम अपनी जान और माल कुर्बान करके उनकी हिफाज़त करेंगे।”
वक्ताओं ने यह भी संदेश दिया कि मौजूदा हालात में जब “आई लव मुहम्मद” कहने पर भी लोगों को परेशान किया जा रहा है, मुसलमानों को और ज़ोर से और गर्व के साथ यह कहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह केवल एक नारा नहीं बल्कि हमारे दिलों की आवाज़ और ईमान का ऐलान है।
कार्यक्रम में प्रमुख उपस्थित
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख व्यक्तियों में हाफिज नदीम अख्तर, मौलाना रफीउद्दीन, सदर इमरान अली, नाईब सदर आसिफ कैंसर, सेक्रेटरी मजहर खान सहाबुद्दीन ख़ान, शाहिद अहमद, खजांची शाहिद कमाल, तसव्वर अंसारी, फिरोज अंसारी, सहादत उर्फ लक्की सर, शबीब खान, अहमद रज़ा, इकबाल अहमद, सीतम अफरोज, खुर्शीद आलम, अकबर अली, शहिद अहमद, आरिफ आलम, सद्दाम अबुजर राजा और अन्य नागरिक शामिल थे।
कार्यक्रम जामिया नूरिया ज्याउल इस्लाम और अंजुमन कमिटी महुआडांड़ की तरफ से संयोजित किया गया। इस मौके पर उपस्थित सभी लोगों ने नबी की हुरमत की रक्षा और मोहब्बत-ए-रसूल को कायम रखने का संकल्प लिया।
न्यूज़ देखो: महुआडांड़ में मोहब्बत-ए-रसूल में मुसलमानों का इत्तेहाद और जागरूकता
महुआडांड़ में आयोजित यह कार्यक्रम यह साबित करता है कि मुस्लिम समुदाय अपने प्यारे नबी के प्रति मोहब्बत और सम्मान में कभी समझौता नहीं करेगा। यह प्रदर्शन केवल मोहब्बत का पैग़ाम नहीं बल्कि समुदाय में एकजुटता, सामाजिक चेतना और ईमान की मजबूती का प्रतीक है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
मोहब्बत-ए-रसूल में एकजुटता और जागरूकता का संदेश
यह कार्यक्रम हमें याद दिलाता है कि नबी की हुरमत और मोहब्बत-ए-रसूल की रक्षा हर मुसलमान की जिम्मेदारी है। सजग रहें, अपने समाज में भाईचारे और इत्तेहाद को बढ़ावा दें। इस मुबारक पैग़ाम को अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें, कमेंट में अपनी राय दर्ज करें और मोहब्बत-ए-रसूल की हिफाज़त में सक्रिय भूमिका निभाएँ।