
#महुआडांड #श्रद्धांजलि : संत जेवियर्स कॉलेज के संस्थापक सदस्य और पूर्व प्राचार्य के निधन से शिक्षा समुदाय में शोक की लहर
- डॉ. फादर लौरेंस तिर्की का रांची के मेडिका हॉस्पिटल में निधन।
- संत जेवियर्स कॉलेज, महुआडांड़ के संस्थापक सदस्य और पूर्व प्राचार्य रहे।
- 1953 में चंदवा में जन्म, कई संस्थानों में प्राचार्य के रूप में योगदान।
- कॉलेज में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
- अंतिम संस्कार हजारीबाग में संपन्न होगा।
महुआडांड़ के शिक्षा जगत में सोमवार को गहरा शोक फैल गया जब संत जेवियर्स कॉलेज, महुआडांड़ के संस्थापक सदस्य और पूर्व प्राचार्य डॉ. फादर लौरेंस तिर्की के निधन की खबर सामने आई। रांची स्थित मेडिका हॉस्पिटल में हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया, जिससे शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। कॉलेज परिसर सहित पूरे महुआडांड़ में इस घटना से शोक की लहर व्याप्त है।
शिक्षा जगत में अग्रणी योगदान
डॉ. फादर लौरेंस तिर्की का जन्म वर्ष 1953 में चंदवा में हुआ था। कम उम्र से ही शिक्षा और समाज सेवा के प्रति समर्पित रहने वाले फादर तिर्की ने विभिन्न संस्थानों में अपनी सेवाएँ दीं।
उन्होंने संत जोसेफ स्कूल और सीतागढ़ा टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में प्राचार्य के रूप में कार्य करते हुए शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया।
संत जेवियर्स कॉलेज, महुआडांड़ में उन्होंने वर्ष 2011 से 2014 तक उपप्राचार्य, तथा 2014–2015 में प्राचार्य के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके नेतृत्व में कॉलेज ने शैक्षणिक वातावरण, छात्र-कल्याण और अनुशासन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं।
सादगी और सेवा के प्रतीक रहे फादर तिर्की
फादर तिर्की अपने सरल व्यवहार, विनम्रता और समाज सेवा के प्रति समर्पण के कारण सभी के प्रिय थे। महुआडांड़ क्षेत्र में शिक्षा को सुदृढ़ करने में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
कॉलेज परिसर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में प्राचार्य फादर एम. के. जोस, शिक्षकगण, विद्यार्थी और स्थानीय नागरिक भारी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने दो मिनट का मौन रखकर फादर तिर्की को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
अंतिम संस्कार हजारीबाग में
परिवार और संस्था से मिली जानकारी के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार हजारीबाग में संपन्न होगा। कई विद्यार्थी और शिक्षक अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए रवाना हुए हैं।
महुआडांड़ और आसपास के क्षेत्रों में भी लोगों ने सोशल मीडिया और संस्थागत कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी संवेदनाएँ व्यक्त कीं।

न्यूज़ देखो: शिक्षा को जीवन मानने वाले गुरु का जाना बड़ी क्षति
डॉ. फादर लौरेंस तिर्की का निधन न केवल एक संस्थान का नुकसान है, बल्कि उस आदर्श का भी अंत है जिसके आधार पर उन्होंने शिक्षा को समाज परिवर्तन का माध्यम बनाया। महुआडांड़ जैसे दूरस्थ क्षेत्र में उच्च शिक्षा की नींव मजबूत करने में उनका योगदान सदैव याद रखा जाएगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
प्रेरणा जिनसे मिलती रहेगी
फादर तिर्की की शिक्षाएँ और उनके द्वारा दिए गए मूल्यों की सुगंध आने वाले वर्षों तक विद्यार्थियों और शिक्षकों को राह दिखाती रहेगी। शिक्षा को सेवा मानने वाले ऐसे गुरु दुर्लभ होते हैं।
आइए, हम सब मिलकर उनके सपनों को आगे बढ़ाने का संकल्प लें। कमेंट में अपनी श्रद्धांजलि दर्ज करें और इस खबर को साझा करें ताकि उनके योगदान की प्रेरणा अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।





