#अखंडकीर्तन #महुआडांड़ – गांववासियों ने गंगा पूजन के साथ किया कलश स्थापना, भंडारे में सैकड़ों श्रद्धालु हुए शामिल
- हामी के मेढ़ारी गांव में हुआ एक दिवसीय अखंड कीर्तन का आयोजन
- कलश यात्रा में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की भारी भागीदारी
- पंडित राजेश पाठक ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कराया गंगा पूजन
- जय माता दी और जय श्री राम के नारों से गूंज उठा पूरा गांव
- प्रसाद और भंडारे का आयोजन, श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया प्रसाद
आस्था और उल्लास का संगम – मेढ़ारी गांव में एक दिवसीय अखंड कीर्तन
महुआडांड़ प्रखंड के हामी पंचायत अंतर्गत मेढ़ारी गांव में रविवार को एक दिवसीय अखंड कीर्तन का आयोजन धार्मिक उत्साह और विधिपूर्वक वैदिक परंपरा के साथ संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत एक भव्य कलश यात्रा के साथ हुई, जो गाजे-बाजे, ढोल-नगाड़ों और जयकारों के बीच गांव के मुख्य मंडप से प्रारंभ होकर नदी तक पहुंची।
वैदिक परंपरा के अनुसार हुआ गंगा पूजन
कलश यात्रा में सैकड़ों महिलाएं, पुरुष और बच्चे पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए। पंडित श्री राजेश पाठक के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच नदी किनारे गंगा पूजन किया गया।
यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने नदी से पवित्र जल भरकर कलश में संग्रहित किया और पूरे गांव का भ्रमण करते हुए मंडप स्थल पर कलश की स्थापना की।
“जय माता दी” और “जय श्री राम” के नारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
भंडारे और पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ कार्यक्रम
कलश स्थापना के बाद गांव में प्रसाद वितरण एवं भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
कार्यक्रम का समापन विधि-विधान से पूर्णाहुति के साथ किया गया।
आयोजन समिति की सराहनीय भूमिका
इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में गांव के कई लोगों ने मुख्य भूमिका निभाई, जिनमें विशेष रूप से
राम किशुन यादव, चंदन मिस्त्री, जीवन यादव, लालकू सिंह, सीताराम यादव समेत दर्जनों सनातनी श्रद्धालु शामिल रहे।

न्यूज़ देखो : ग्रामीण संस्कृति में रचा बसा श्रद्धा का पर्व
‘न्यूज़ देखो’ ऐसे आयोजनों के माध्यम से आपके सामने लाता है गांव की आत्मा से जुड़े वो दृश्य, जो श्रद्धा और एकता का संदेश देते हैं।
कलश यात्रा और अखंड कीर्तन ना सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि ग्रामीण समाज की सांस्कृतिक एकजुटता का भी प्रमाण हैं।