Latehar

ट्रेन हादसे में महुआडांड़ के कुशल बृजिया की मौत, शशि पन्ना की पहल पर शव लाने के लिए मिले ₹50,000

Join News देखो WhatsApp Channel

#लातेहार #प्रवासीमजदूरहादसा – युवा नेता शशि पन्ना की सक्रियता से प्रशासन ने दिखाई संवेदनशीलता, शव वापसी के लिए श्रम अधीक्षक ने दिलाई आर्थिक मदद

  • विशाखापट्टनम में ट्रेन से गिरकर कुशल बृजिया की हुई दर्दनाक मौत
  • मृतक के पास नहीं था शव लाने का आर्थिक साधन, परिवार हुआ बेसहारा
  • युवा नेता शशि पन्ना की पहल पर श्रम अधीक्षक ने दी ₹50,000 की सहायता
  • दुर्प पंचायत में ट्रेन हादसे से मौत का यह तीसरा मामला
  • गरीबी, बेरोजगारी और पलायन की त्रासदी को उजागर करता है यह मामला

चिराला स्टेशन पर हादसा, गांव में पसरा मातम

महुआडांड़ प्रखंड के दुर्प पंचायत अंतर्गत दौना गांव निवासी 30 वर्षीय कुशल बृजिया की विशाखापट्टनम के पास चिराला रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से गिरकर मौत हो गई। कुशल अपने दो अन्य साथियों के साथ मजदूरी के लिए केरल जा रहा था। रास्ते में एक दुकान से केला खरीदने ट्रेन से उतरा, लेकिन ट्रेन चल पड़ी और चढ़ने की कोशिश में वह फिसल गया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

गांव में जैसे ही हादसे की खबर पहुंची, मातम छा गया। कुशल के दो छोटे-छोटे बच्चे और पत्नी हैं। उनकी आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय थी और शव को लाने तक के लिए परिवार सक्षम नहीं था।

युवा नेता शशि पन्ना की पहल पर मिला प्रशासनिक सहयोग

ऐसे विकट समय में युवा नेता शशि पन्ना ने परिवार की मदद के लिए प्रशासन से संपर्क साधा। उनकी पहल पर लातेहार के श्रम अधीक्षक दिनेश भगत ने श्रम विभाग के प्रवासी श्रमिक सहायता प्रावधान के तहत ₹50,000 की सहायता राशि कुशल के परिजनों के बैंक खाते में स्थानांतरित की। इस राशि से शव को गांव लाया गया और अंतिम संस्कार किया गया।

“सरकार की योजनाएं तभी सार्थक हैं जब सही समय पर सही जरूरतमंद को लाभ मिले। प्रशासन ने संवेदनशीलता दिखाई, इसके लिए हम आभार व्यक्त करते हैं।” — शशि पन्ना, युवा नेता

आदिम जनजातीय क्षेत्र में लगातार हो रही घटनाएं

दुर्प पंचायत झारखंड के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक है, जहां आदिम जनजातियों की बहुलता है। यहां रोजगार के अभाव में बड़ी संख्या में लोग केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में मजदूरी के लिए पलायन करते हैं।

कुशल बृजिया की मौत इस पंचायत में ट्रेन हादसे से हुई तीसरी मौत है। इससे पहले नक्कू बुड़स, अजूल बुड़स और नवल बुड़स भी ट्रेन से गिरकर जान गंवा चुके हैं।

न्यूज़ देखो : जहां ज़रूरत वहां खबर

‘न्यूज़ देखो’ ऐसे ही हाशिये पर खड़े समुदायों की आवाज बनकर आपके सामने सच्चाई लाता है। कुशल बृजिया की दुखद मृत्यु एक व्यक्तिगत त्रासदी से कहीं बढ़कर, सिस्टम, समाज और संवेदना की परीक्षा है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

ऐसी घटनाओं से सबक लेकर क्या सरकार को पलायन रोकने की नई रणनीति नहीं बनानी चाहिए? अपनी राय कमेंट करें और खबर को साझा करें। जागरूकता ही बदलाव का पहला कदम है।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250610-WA0011
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250925-WA0154
1000264265
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250604-WA0023 (1)
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Related News

Back to top button
error: