‘मंईयां सम्मान योजना’ पर विवाद: लाभुकों से वसूली के आदेश पर BJP का विरोध

झारखंड में ‘मंईयां सम्मान योजना’ को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच विवाद गहराता जा रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने इस योजना में नई शर्तें लगाकर लाभुक महिलाओं को परेशान करने का काम किया है।

क्या है मामला?

रांची के उपायुक्त (डीसी) मंजूनाथ भजंत्री ने हाल ही में सभी बीडीओ और सीओ को निर्देश दिया है कि योजना के तहत अयोग्य लाभुकों को चिह्नित कर उनकी सूची बनाई जाए। साथ ही, इन लाभुकों से योजना के तहत प्राप्त राशि की वसूली का भी आदेश दिया गया है। दिसंबर के बाद योजना का भुगतान आधार आधारित एकल बैंक खाते के माध्यम से किए जाने की तैयारी है।

सरकार की ओर से कहा गया है कि ‘मंईयां सम्मान योजना’ का लाभ केवल योग्य महिलाओं को मिलना चाहिए। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि यह कदम महिलाओं को योजना के लाभ से वंचित करने के लिए उठाया जा रहा है।

भाजपा का विरोध

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार बिना जांच के पैसा वितरित करती है और अब महिलाओं से राशि वसूलने की कोशिश कर रही है। उन्होंने इसे महिलाओं के साथ अन्याय बताया और कहा कि भाजपा किसी भी महिला से पैसा वसूली नहीं होने देगी। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि गलत तरीके से योजना का लाभ देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही।

सरकार का पक्ष

हेमंत सोरेन सरकार ने योजना को अधिक प्रभावी बनाने के लिए दिसंबर से भुगतान राशि को ₹2500 प्रति लाभुक करने की घोषणा की है। सरकार का कहना है कि योजना के लिए महिला, बाल विकास, और सामाजिक सुरक्षा विभाग को भारी बजट आवंटित किया गया है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

मरांडी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि सरकार ने चुनाव के दौरान महिलाओं को ₹2500 देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद नई शर्तें थोप दी हैं। उन्होंने कहा कि यदि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो भाजपा सड़कों पर उतरेगी।

स्थिति का विश्लेषण

फ़ाइल फ़ोटो

‘मंईयां सम्मान योजना’ के विवाद ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। महिलाओं से वसूली के आदेश पर भाजपा का विरोध और सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार और विपक्ष के बीच इस मामले का समाधान कैसे निकलता है।

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