
#गिरिडीह #साइबरक्राइम : पुलिस ने छापामारी कर गिरोह का भंडाफोड़ किया
- गांडेय थाना क्षेत्र के मनियाडीह गांव में साइबर अपराधियों की गतिविधि का भंडाफोड़।
- पुलिस ने एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया, दो अब भी फरार।
- फर्जी नंबर और APK फाइल लिंक भेजकर ठगी करने का होता था काम।
- गिरफ्तार अभियुक्त देवघर जिले का निवासी, फरार आरोपी भी उसी क्षेत्र से।
- पुलिस ने तीन मोबाइल और तीन सिम कार्ड बरामद किए।
गिरिडीह पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल की है। गांडेय थाना क्षेत्र के मनियाडीह गांव में छापेमारी कर पुलिस ने एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है जबकि उसके दो साथी मौके से फरार हो गए। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक गिरिडीह को मिली गुप्त सूचना के आधार पर की गई।
सूचना पर बनी विशेष टीम
दिनांक 19 अगस्त 2025 को मिली सूचना पर साइबर थाना प्रभारी के नेतृत्व में एक छापामारी दल का गठन किया गया। टीम ने मनियाडीह गांव के पास गुप्त ठिकाने पर छापामारी कर त्वरित कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान अपराधियों के पास से मोबाइल और सिम कार्ड बरामद किए गए।
ऐसे करते थे साइबर ठगी
गिरफ्तार अभियुक्त ने स्वीकार किया कि उनका गिरोह गूगल पर फर्जी नंबर डालता था। जब कोई व्यक्ति डॉक्टर का अपॉइंटमेंट लेने के लिए इन नंबरों पर कॉल करता तो उनके व्हाट्सएप पर फर्जी APK फाइल का लिंक भेज दिया जाता। लिंक पर क्लिक करते ही उनके बैंक अकाउंट और फोन का डाटा अपराधियों के कब्जे में आ जाता और फिर ठगी की जाती।
गिरफ्तार और फरार आरोपी
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त तकमुल अंसारी, उम्र लगभग 38 वर्ष, पिता अब्दुल रहमान, ग्राम बनसिम्मी थाना मारगोमुण्डा, जिला देवघर का निवासी है।
फरार आरोपियों में मकबुल अंसारी, उम्र लगभग 35 वर्ष, पिता अब्दुल रहमान, ग्राम बनसिम्मी थाना मारगोमुण्डा जिला देवघर और छोटु अंसारी उर्फ मो० फारूक, पिता लियाकत अंसारी, ग्राम फुलजोरी थाना गांडेय जिला गिरिडीह शामिल हैं।
पुलिस टीम की भूमिका
इस अभियान में साइबर थाना प्रभारी पु०नि० रामेश्वर भगत, पु०नि० गुंजन कुमार, पु०नि० पुनीत कुमार गौतम, स०अ०नि० गजेन्द्र कुमार, स०आ० अभिमन्यु कुमार सहित पुलिस लाइन से प्राप्त सशस्त्र बल की सक्रिय भागीदारी रही।
न्यूज़ देखो: साइबर अपराध के खिलाफ जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार
गिरिडीह में हुई इस कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि साइबर अपराधी किस तरह भोले-भाले लोगों को निशाना बना रहे हैं। फर्जी नंबर और ऐप्स के जरिए ठगी अब आम हो चुकी है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन आम जनता को भी जागरूक रहना होगा। किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से पहले सतर्क रहें, क्योंकि यही सावधानी आपके मेहनत की कमाई को सुरक्षित रख सकती है।
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जागरूक नागरिक बनें साइबर अपराध से बचें
साइबर अपराधियों की चालाकियों से बचने का एकमात्र उपाय है – सतर्कता। किसी भी अजनबी नंबर से आए कॉल या व्हाट्सएप लिंक पर भरोसा न करें और संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें। अब समय है कि हम सब मिलकर साइबर अपराध के खिलाफ मजबूत दीवार बनें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि और लोग भी सतर्क हो सकें।