#चाईबासा #सुरक्षा_अभियान : रेलापराल जंगल में पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई, 10 लाख का इनामी नक्सली कमांडर मारा गया
- गोइलकेरा थाना क्षेत्र के रेलापराल जंगल में मुठभेड़।
- भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर मारा गया।
- मृत नक्सली की पहचान अमित हांसदा उर्फ अपटन के रूप में।
- झारखंड सरकार ने घोषित किया था 10 लाख का इनाम।
- मुठभेड़ में करीब आधे घंटे तक चली गोलीबारी।
- सुरक्षाबलों ने हथियार और कारतूस जब्त किए।
पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में रविवार की सुबह सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली। गोइलकेरा थाना क्षेत्र के रेलापराल जंगल में पुलिस और सीआरपीएफ के बीच नक्सलियों की भिड़ंत हुई। इसमें कुख्यात जोनल कमांडर अमित हांसदा उर्फ अपटन मारा गया। वह लंबे समय से इस इलाके में सक्रिय था और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
मुठभेड़ की पूरी घटना
चाईबासा के एसपी राकेश रंजन को सूचना मिली थी कि नक्सली जंगल में किसी बड़ी घटना की योजना बना रहे हैं। सूचना के आधार पर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम को सर्च ऑपरेशन पर भेजा गया। रविवार सुबह जंगल में घुसते ही सुरक्षाबलों पर नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने जवाबी कार्रवाई की और करीब तीस मिनट तक दोनों ओर से गोलियां चलीं। दबाव बढ़ने पर कई नक्सली भाग निकले, लेकिन एक नक्सली मौके पर ही ढेर हो गया।
मारे गए नक्सली की पहचान
सर्च अभियान खत्म होने के बाद इलाके की तलाशी ली गई। इसी दौरान जवानों को एक शव मिला जिसकी पहचान जोनल कमांडर अमित हांसदा के रूप में हुई। उसके पास से राइफल और कारतूस भी बरामद हुए। अमित हांसदा क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों को संचालित करने वाला एक बड़ा चेहरा था और कई वारदातों में उसकी संलिप्तता रही है।
पुलिस ने बताया बड़ी सफलता
चाईबासा एसपी राकेश रंजन ने कहा:
राकेश रंजन ने कहा: “जोनल कमांडर अमित हांसदा का ढेर होना पुलिस और सुरक्षाबलों की बड़ी उपलब्धि है। इस कार्रवाई से नक्सली नेटवर्क को बड़ा नुकसान पहुंचा है और आगे भी अभियान को और तेज किया जाएगा।”
नक्सलियों को करारा झटका
अमित हांसदा लंबे समय से कोल्हान क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों का नेतृत्व कर रहा था। उसकी मौत से न सिर्फ संगठन की रणनीति कमजोर हुई है बल्कि इलाके में सुरक्षाबलों का प्रभाव भी और मजबूत हुआ है। फिलहाल क्षेत्र में गहन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है ताकि बाकी बचे नक्सलियों पर भी शिकंजा कसा जा सके।
न्यूज़ देखो: नक्सलवाद पर मजबूत प्रहार
यह मुठभेड़ इस बात की गवाही देती है कि प्रशासन और सुरक्षाबल नक्सलियों के खिलाफ पूरी मजबूती से खड़े हैं। इनामी कमांडर का मारा जाना नक्सल संगठन के लिए बड़ा झटका है और इससे इलाके में शांति व विकास की संभावनाएं और मजबूत हुई हैं।
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नक्सल-मुक्त भविष्य की ओर कदम
अब जरूरत है कि समाज और सरकार मिलकर नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ें। प्रभावित क्षेत्रों में विकास और शिक्षा पर बल देकर लोगों को सही राह दिखाई जा सकती है। आप अपनी राय कमेंट में लिखें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं ताकि जागरूकता फैले।