
#हैदरनगर #प्रशासनिक_कार्रवाई : बिना पंजीकरण संचालित अस्पतालों और पैथोलॉजी पर चला प्रशासन का डंडा – सीओ सह दंडाधिकारी ने दो प्रतिष्ठानों को किया सील, कई पर जांच जारी।
- पलामू उपायुक्त समीरा एस के आदेश पर चला छापेमारी अभियान।
- सीओ सह दंडाधिकारी संतोष कुमार और डॉ. ज्योतिष कुमार के नेतृत्व में कार्रवाई।
- हाई स्कूल रोड स्थित पैथोलॉजी और रहमान क्लिनिक को किया गया सील।
- खुशबू हॉस्पिटल के संचालक विवेक कुमार दूसरी बार भी फरार।
- अब तक चार अस्पतालों पर गिरी प्रशासन की गाज, जांच टीम जुटी सबूतों में।
हैदरनगर में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने मिलकर निजी अस्पतालों व पैथोलॉजी केंद्रों पर कड़ा शिकंजा कसा। यह कार्रवाई पलामू की उपायुक्त समीरा एस के आदेश और मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के निर्देश पर की गई, जिसके तहत जिले में बिना अनुमति और मान्यता संचालित हो रहे अस्पतालों की जांच की जा रही है।
बिना कागजात वाले पैथोलॉजी और क्लिनिक पर ताला
अभियान के दौरान हैदरनगर के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ज्योतिष कुमार, अंचल अधिकारी सह दंडाधिकारी संतोष कुमार और थाना प्रभारी अफजल अंसारी के नेतृत्व में छापेमारी टीम गठित की गई। टीम ने सबसे पहले हाई स्कूल हैदरनगर रोड स्थित एक पैथोलॉजी पर कार्रवाई की, जो गुमनाम रूप से संचालित हो रही थी। संचालक के अनुपस्थित रहने और आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत न किए जाने पर प्रशासन ने तत्काल उसे सील कर दिया।
इसके बाद टीम ने पेट्रोल पंप के समीप रहमान क्लिनिक में छापा मारा, जहां बिना पंजीकरण और प्रमाण पत्र के इलाज किया जा रहा था। जांच में पाया गया कि पिछले दो वर्षों से यहां फिजिशियन और सर्जन का बोर्ड लगाकर ग्रामीण मरीजों का उपचार किया जा रहा था। दस्तावेजों की अनुपस्थिति और संदिग्ध संचालन को देखते हुए इस क्लिनिक को भी सीओ सह दंडाधिकारी ने सील कर दिया।
फर्जी चिकित्सकों पर शिकंजा, खुशबू हॉस्पिटल पर फिर छापा
प्रशासनिक टीम ने इसके बाद खुशबू हॉस्पिटल पर छापा मारा, जिसे विवेक कुमार संचालित करते हैं। यह दूसरी बार था जब टीम यहां पहुंची, लेकिन संचालक हर बार की तरह फरार पाए गए। उनके खिलाफ पहले से ही बिचौलियों के माध्यम से मरीजों को फंसाने और बिना वैध दस्तावेज अस्पताल चलाने के आरोप हैं। प्रशासन ने अब विवेक कुमार को रडार पर ले लिया है और आगे की कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
दंडाधिकारी संतोष कुमार ने कहा: “जांच में पाया गया है कि कुछ निजी अस्पतालों को फर्जी चिकित्सक चला रहे हैं, जो मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ है। ऐसे संचालकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।”
लगातार मिल रही थी शिकायतें
पिछले कई महीनों से हैदरनगर व आसपास के क्षेत्रों में बिना लाइसेंस और फर्जी चिकित्सकों द्वारा अस्पताल चलाए जाने की शिकायतें मिल रही थीं। प्रशासन ने अब इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए चरणबद्ध जांच शुरू की है। इसी क्रम में पहले चरण में विंध्याचल हॉस्पिटल और आस्था हॉस्पिटल को भी सील किया जा चुका है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
स्वास्थ्य सुरक्षा पर सवाल
इन घटनाओं ने इलाके में स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई से अब नकली डॉक्टरों और फर्जी अस्पतालों पर लगाम लगेगी। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि केवल पंजीकृत चिकित्सक ही इलाज कर सकते हैं और किसी भी तरह की लापरवाही पर सख्त दंड का प्रावधान रहेगा।
न्यूज़ देखो: स्वास्थ्य सुरक्षा पर प्रशासन की सर्जिकल स्ट्राइक
हैदरनगर की यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि अब स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन जीरो टॉलरेंस नीति अपना चुका है। बगैर योग्यता और अनुमति के इलाज करने वालों पर यह कार्रवाई लोगों की जीवन सुरक्षा और लोकविश्वास दोनों के लिए जरूरी थी। प्रशासन का यह कदम जनहित में अत्यंत सराहनीय है और यह अभियान यदि निरंतर चलता रहा, तो ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार तय है।
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अब सतर्कता ही सुरक्षा है
स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी फर्जीवाड़े की खबरें समाज के लिए चेतावनी हैं। हमें सजग नागरिक बनकर ऐसे अस्पतालों की जानकारी प्रशासन को देनी चाहिए ताकि किसी की जान पर जोखिम न आए। हैदरनगर की यह कार्रवाई बाकी जिलों के लिए भी मिसाल है।
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